यहां मिले पांच काउंटर
जब कलेक्टर आवक-जावक पहुंचे तो देखा कि इसमें पांच काउंटर बने हुए हैं, लेकिन विधिवत कोई भी नहीं है। कैश काउंटर में तो हद दर्जे की बेपरवाही मिली। यहां पर मेट से कैश का काम कराया जा रहा था, इतना ही नहीं कलेक्टर द्वारा बात करने पर मेट द्वारा सकारात्मकता से जवाब नहीं दिया गया। अव्यवस्था पाए जाने पर फटकार लगाई और तत्काल नोटिस जारी कर कार्रवाई से अवगत कराने कहा।
जलकर विभाग में मिली भर्रेशाही
इसके बाद कलेक्टर लेखा शाखा, ऑडिट शाखा, स्थापना शाखा में जाकर देखा तो कबाड़ और अस्त-व्यस्त फाइल पर नाराजगी जाहिर की और कार्यालय को व्यवस्थित करने कहा। जलकर विभाग में तो गजब की भर्रेशाही मिली। 20 से 25 दिन बाद भी लोगों को कनेक्शन मुहैया नहीं कराए गए। फाइलें कब किस तारीख में चलीं कोई उल्लेख नहीं मिली। ऑनलाइन राशि जमा होने के बाद भी ऑफलाइन काम चलता मिला। इस पर कलेक्टर ने व्यवस्था सुधारने कहा। कलेक्टर ने पूछा कि आम नागरिक को कैसे नल कनेक्शन मिलता है, समयपालों की कार्यप्रणाली जानी। कलेक्टर ने कहां कि पब्लिक से अपने नंबर बढ़ाने के लिए रुपये न जमा कराएं।
टीम गठित कर पूरी करें प्रक्रिया
राजस्व शाखा के नामांतरण कक्ष में पहुंचे। जहां पर फैली गंदगी व व्यवस्था पर फटकार लगाते हुए नगर निगम कमिश्नर को 15 दिन की मियाद देते हुए व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए। इस दौरान नामांकन प्रक्रिया सरलीकरण के लिए टीम गठित कर समय पर कार्य करने के निर्देश दिए। तहसीलदार, राजस्व प्रभारी के निर्देशन में कमेटी बनाकर काम करने कहा। उन्होंने कहा कि नामांतरण की शिकायतें मिल रही हैं। लगने वाले 60 दिन के समय को 30 दिन करने की प्रक्रिया अपनाने पर चर्चा हुई। भवन अनुज्ञा शाखा की भी निरीक्षण किया और शहर में कैसे लोगों के भवन निर्माण की अनुमति दी जाती है। नियम विपरीत निर्माण होने पर क्या कार्रवाई की जाती है। इस संबंध में जानकारी ली।
निरीक्षण को लेकर खास-खास:
– हर कक्ष में भगवान मिलने पर कहा कि पुजारियों को कहें मंदिर में जाकर करें पूजा, मैं पूजा का विरोध नहीं करता, लेकिन गंदगी व अव्यवस्था के बीच यह उचित नहीं।
कलेक्टर ने कम्प्यूटर में बरगवां में बन रहे काम्लेक्स नक्शा खुलवाकर उसकी स्थिति जानी, पार्किंग, तल, ओपन स्पेस को जाना, मौके पर तहसीलदार को जांच के लिए भेजा।
– जल प्रदाय विभाग में समय पर ठेकेदार द्वारा ठीक से काम न करने पर कहा कि ननि की निगरानी कर रही है, ठीक काम नहीं तो ठेकेदार को सरकारी दामाद क्यों बनाए हो।
– जनता से जुड़े जलकर, संपत्ति कर, नामांतरण, भवन अनुज्ञा, राशन कार्ड सहित अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं के काउंटर एक साथ ग्राउंडफ्लोर में करने दिए निर्देश।
– तह समय पर लोगों के काम कराने, बेपरवाही करने वाली पर कार्रवाई करने दिए निर्देश, भवन अनुज्ञा में एमओएस प्रणाली को भी समझा, नक्शा संबंधी जानकारी ली।
– कलेक्टर ने कहा कि पूरे विभाग की कार्यप्रणाली को बना रखे हैं जटिल, ताकि परेशान हो लोग, इस तरह की कार्यप्रणाली समझ से परे, कार्यालयों का लगाएं सूचना पटल।
– यूनीफार्म कोड अनिवार्य रूप से लगाने करने कलेक्टर ने दिए निर्देश, पोसपार्ट ऑफिस की तर्ज कर कहा बनाएं कार्यालय, फाइलों का करें सही से संधारण।