जिले के सरकारी हाइस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों के गिरते परीक्षा परीणाम में सुधार लाने कलेक्टर केवीएस चौधरी द्वारा विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से विषयवार वर्क बुक तैयार कराई जा रहीं थी। ताकि स्कूल खुलते ही कक्षा 3 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को वर्कबुक दिया जा सकें और उसी से बच्चों पढ़ाई कराई जा सकें। ताकि किताबी ज्ञान के साथ ही बच्चों को और बेहतर शिक्षा मिले। जिससे जब ये बच्चे हाईस्कूल व हायर सेकंडरी की कक्षाओं में पहुंचे तो परीक्षा परिणाम गड़बड़ न हो, लेकिन उनके प्रयासों को पंख नहीं सकें। विभागीय अफसरों की मानें तो बजट की कमीं के कारण छपाई का कार्य रोकना पड़ा।
वर्क बुक तैयार कराने 30 शिक्षकों की लगी थी ड्यूटी
कक्षा ३से ८वीं तक विद्यार्थियों के लिए वर्कबुक तैयार करने में 30 विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। 15 जून तक वर्क बुक तैयार कराने के निर्देश दिए गए थे। जिससे कार्य में लेट लतीफी न हो और एक समय पर स्कूलों में वर्क बुक पहुंच जाए।
नवाचार के लिए राज्य शिक्षा केंद्र देता है 50लाख रुपये
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा हर साल जिले के परियोजना कार्यालयों को नवाचार के लिए 50 लाख रुपये दिए जाते है। उसी रुपये से अधिकारियों को नवाचार करना होता है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो शिक्षण सत्र 17-18 में जिले के परियोजना कार्यालय द्वारा कोई नवाचार नहीं किया गया और 50 लाख रुपये भी खर्च हो गए है।
बजट की कमी के कारण वर्क बुक तैयार नहीं हो पाई है। बजट मिलते ही छपाई का कार्य शुरू कराया जाएगा। प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में उसी से पढ़ाई कराई जाएगी।
एनपी दुबे, डीपीसी।
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माड्यूल तैयार करवाने का कार्य कार्य योजना में शामिल है। दिल्ली से एप्रुवल मिलना है। अनुमति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा।
केवीएस चौधरी कलेक्टर।
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