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एक लाख 35 हजार बच्चों की अभ्यास पुस्तक से होगी पढ़ाई, मास्साब सीनियर छात्रों से लेकर जूनियर छात्रों को मुहैया करा रहे पुस्तकें

locationकटनीPublished: Jun 20, 2020 11:36:16 am

Submitted by:

balmeek pandey

– वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ा है। बीमारी के कारण पढ़ाई चौपट सी हो गई है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग डिजीलैप, टेलीविजन, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से बच्चों की पढ़ाई कराने का प्रयास कर रहा है।
– जिले के कक्षा एक से लेकर 8 तक दर्ज एक लाख 35 हजार बच्चों की पढ़ाई अभ्यास पुस्तक से कराई जाएगी। इसके लिए मास्साबों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिले के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के मास्साब पुस्तक एकत्रित कर रहे हैं।

Teachers are distributing books to students

Teachers are distributing books to students

कटनी. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ा है। बीमारी के कारण पढ़ाई चौपट सी हो गई है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग डिजीलैप, टेलीविजन, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से बच्चों की पढ़ाई कराने का प्रयास कर रहा है। जिले के कक्षा एक से लेकर 8 तक दर्ज एक लाख 35 हजार बच्चों की पढ़ाई अभ्यास पुस्तक से कराई जाएगी। इसके लिए मास्साबों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिले के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के मास्साब पुस्तक एकत्रित कर रहे हैं। इसमें सीनियर छात्रों की पुस्तकें जूनियर छात्रों तक पहुंचाई जा रही है। अभी तक जिले में 50 प्रतिशत बच्चों को वर्कबुक मुहैया कराई जा चुकी है। अब पुराने बच्चों से एकत्रित किया जा रहा है। जिले के 75 हजार बच्चों को पुस्तकें बांटी जा रही हैं। बता दें कि कक्षा तीन से पांच तक एवं कक्षा 6 से आठ तक यह अभ्यास पुस्तक रहती है। पांचवी से छठवी में गए बच्चों के लिए नई पुस्तक की जरुरत पड़ेगी। जो बच्चे कक्षा आठवीं के नौवीं में चले गए हैं उनकी पुस्तक ली जाएगी। कम पडऩे पर नई अभ्यास पुस्तकों का प्रबंध किया जाएगा। वहीं रेडियो में 11 से 12 बजे तक व टेलीविजन के माध्यम अलग-अलग दिन में एक कॉमन सबजेक्ट पर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

यह है अभ्यास पुस्तिका
तीन साल से जिले में अभ्यास पुस्तक के माध्यम से भी बच्चों को दक्ष किया जा रहा है। पुस्तक में गणित, हिंदी की वर्कबुक आती हैं। अभ्यास पुस्तिक जैसे रहती है। उसमें बेसिक बातों का उल्लेख होता है। जोड़-घटाना, गुड़ा-भाग सहित अन्य जानकारियां होती है। उसमें टाइम टेबल भी सेट रहता है, उसे तय समय में पूरा करना होता है। इससे बच्चा भी दक्ष होता है। नया सत्र शुरू होने से फरवरी माह तक तक उसका अभ्यास कराया जाता है। फिर उसे स्कूल में जमा कराया जाता है। बच्चों को परीक्षा के बाद जमा करना था, कई बच्चे नहीं कर पाए, जिन्हें एकत्रित किया जा रहा है।

इनका कहना है
अभ्यास पुस्तकों का वितरण लगातार जारी है। सीनियर छात्रों की पुस्तकें जूनियर को मुहैया कराई जा रही हैं। बच्चों को दक्ष करने के लिए यह पहल की जा रही है। कम पडऩे पर नई पुस्तकों का इंतजाम किया जाएगा।
बीबी दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी।

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