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शादी का झांसा देकर किशोरी को मुंबई व हरियाणा ले जाकर आरोपी ने किया था दुष्कर्म, अब हुआ ये

locationकटनीPublished: Dec 09, 2017 11:26:03 am

Submitted by:

dharmendra pandey

षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला

Mumbai

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कटनी. शादी का झांसा देकर किशोरी को हरियाणा व मुंबई ले जाकर शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी हरिलाल चौधरी (३०) को षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश अरूण प्रताप सिंह की अदालत ने शुक्रवार को १० साल कैद की सजा का फैसला सुनाया है। ५ हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक धर्मेंद्र सिंह तारण ने बताया कि थाना क्षेत्र कुठला का बिलहरी निवासी युवक हरिलाल चौथरी १२ दिसंबर २०१३ को बहोरीबंद तहसील क्षेत्र की रहने वाली किशोरी को शादी का झांसा देकर भगा ले गया था। इस दौरान किशोरी के परिजन काम पर करने थे। शाम को घर लौटने पर किशोरी परिजनों को नही मिली। खोजबीन शुरू की तो पता चला कि बिलहरी निवासी हरिलाल चौधरी किशोरी को अपने गांव हरदुआ ले गया। इसके बाद मुंबई व हरियाणा लेकर चला गया। यहां पर सालभर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान किशोरी गर्भवती हो गई। इधर, तीन माह तक खोजबीन करने के बाद भी परिजनों को किशोरी का पता नही चला तो बहोरीबंद थाना जाकर परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई। प्राथमिक सूचना के आधार पर पुलिस ने धारा ३६३, ३६६ के तहत प्रकरण दर्जकर मामले की जांच शुरू की। १३ मार्च २०१४ को पुलिस ने धारा १६१ के तहत किशोरी के बयान लिए। जिसमें उसने बताया कि आरोपी ने शादी का सांझा देकर शारीरिक संबंध बनाया था। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा। विशेष लोक अभियोजक डीएस तारण ने बताया कि अदालत ने आरोपी को धारा ३७६ के तहत दोषी पाया। षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश अरूण प्रताप सिंह की अदालत ने १० साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही धारा ३६६ के तहत ५ साल कैद व दोनों मामलों में ५ हजार रुपये के अर्थदंड सें दंडित किया।
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चोरी का आरोप सिद्ध, महिला को १ साल ६ माह की सजा
कटनी: चोरी का आरोप सिद्ध होने पर शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशा विश्वकर्मा की अदालत ने महिला गया बाई को एक साल छह माह की सजा सुनाई है। ५ सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। एडीपीओ अभिषेक मेहरोत्रा ने बताया कि कुठला थाना क्षेत्र के रहने वाले दशरथ किसी से बाहर गए थे। २६ अक्टूबर २०११ को घर लौटने पर बेटी से मां के बारे में जानकारी मांगी तो बेटी ने बताया कि बाजार गई है। लौटने पर पेटी में पैसा रखने को दिया। इस दौरान पेटी की चांबी नही मिली। ताला तोड़कर देखा तो जेवरात गायब मिले। शोर शराबा होने पर भतीजी आरती चौधरी ने बताया कि पड़ोस की रहने वाली गयाबाई घर आई थी। शक के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की पूछताछ की। जिस पर उसने अपना जुर्म कबूल किया। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा। शुक्रवार को न्यायाधीश निशा विश्वकर्मा ने एक साल छह माह का फैसला सुनाया।
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