एक और खासियत इसे दूसरी सुरंग से अलग करती है। घाटी पर सुरंग के ऊपर ही बाणसागर डैम से उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के लिए अलग-अलग नहर के ऊपर एक्वाडक्ट (कृत्रिम जल मार्ग) का निर्माण किया गया है। इसमें मप्र वाली नहर के उपर ब्रिज और यूपी नहर के ऊपर पुरानी सड़क है।
प्रदेश में यह एकमात्र निर्माण है, जिसमें नीचे सुरंग, ऊपर नहर और उसके ऊपर सड़क है। यहां बता दें कि प्रदेश में सबसे पहले एक्वाडक्ट का निर्माण जबलपुर में नर्मदा पर किया गया था। २.२९ किमी लंबी टनल में तीन-तीन लेन की सड़क बनेगी. ०७ स्थानों पर टनल आपस में जुड़ी होगी, ताकि जाम की स्थिति बने तो ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा सके।
लाइनिंग, उजाले के लिए व्यवस्था, हवा निकासी और कैमरे लगाने का काम अभी बाकी है. केंद्र द्वारा चुरहट से घाटी तक करीब 15.35 किमी सड़क निर्माण कराया जा रहा है। 2.2९ किमी में सुरंग, बाकी में कांक्रीट सड़क होगी। यह मार्ग रीवा से रांची है। बनारस पहुंचने का भी दूसरा मार्ग है। सुरंग की वजह से रीवा-सीधी मार्ग नहीं बनाया गया है। मोहनिया के बाद सड़क चुरहट होते हुए सीधी तक बनी है।
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कहां बन रही- कटनी के एनएच 39 (छतरपुर से सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली होते रांची) पर।
निर्माण लक्ष्य- टनल और बायपास का निर्माण मार्च 2023 तक
कब पूरा होगा- जुलाई 2022 में पूरा हो जाएगा निर्माण।
क्या फायदा- कटनी से रीवा होकर सीधी की दूरी 7 किलोमीटर कम हो जाएगी।
चुनौती- एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बाझल के अनुसार समतल से १५० मीटर नीचे खुदाई काम चुनौती भरा रहा।