24 मई को गुजरात के सूरत में एक बहुमंजिला भवन में संचालित कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी। हादसे में कई छात्रों की जान चली गई थी। सूरत में हुई आगजनी की घटना के बाद पत्रिका ने नगर निगम के दमकल वाहनों की पड़ताल की तो सामने निकल कर आया कि विभाग के पास अत्याधुनिक दमकल वाहन नही है। वाहनों के पास लिफ्ट वाली सीढ़ी नहीं है और आग लगने पर साधारण सीढ़ी की बदौलत फायर कर्मी जोखिम उठाकर उसपर काबू पाने का प्रयास करते हैं। जिससे एक मंजिला से ऊपर नहीं जाया जा सकता है। इसके अलावा विपरीत स्थिति में यदि कोई व्यक्ति ऊंचाई से जान बचाने कूदता है तो उसे बचाने के लिए विभाग के पास जाली व रस्सी भी उपलब्ध नहीं है। बड़े शहरों की तर्ज पर फायर अमला भी आधुनिक साधनों से लैस हो, इसकी ओर निगम का ध्यान नहीं है। सुरक्षा के नाम पर कर्र्मचारियों के पास सिर्फ एक व दो फायर प्रूफ जैकेट ही उपलब्ध हैं।
नगर परिषदों के दमकलों की भी यही है स्थिति:
जिले में नगर निगम के अलावा तीन नगर परिषद भी है। बरही, विजयराघवगढ़ व कैमोर में आग पर काबू पाने के लिए दमकल वाहन तो है, लेकिन इनकी भी स्थिति नगर निगम के दकमल विभाग जैसी ही है। तीनों नगर परिषदों के पास जो दमकल वाहन है, उनमें से किसी के पास लिफ्ट वाली सीढ़ी है और न ही जाली।
इनका कहना है:
मुुझे प्रभारी बने हुए तीन दिन ही हुए है। नगर निगम के पास अत्याधुनिक दमकल वाहन नही है यह बात सहीं है। दो मंजिल तक तो पानी आसानी पहुंचा सकते है। इससे अधिक मंजिल में यदि पानी पहुचाना होता है तो हम जेसीबी मशीन की मदद लेते है। विभाग के पास पाइप भरपूर मात्रा में है।
शफीक खान, प्रभारी अधिकारी।
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इनका कहना है
शहर में सूरत जैसी दुर्घटना न हो, इसके लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे है। जिन संसाधनों की कमी है। उसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
शशांक श्रीवास्तव, महापौर।