scriptचुनावी ड्यूटी में पुलिस के साथ ही बढ़ गया खोजी श्वानों का काम, जानिए क्यो | The election of dogs in electoral duty only increased with the search | Patrika News

चुनावी ड्यूटी में पुलिस के साथ ही बढ़ गया खोजी श्वानों का काम, जानिए क्यो

locationकटनीPublished: May 04, 2019 10:57:00 am

Submitted by:

dharmendra pandey

पीएम, सीएम से लेकर जिले में आने वाले हर वीआइपी की सुरक्षा पर रखते हैं नजर
 

The election of dogs in electoral duty only increased with the search of dogs

The election of dogs in electoral duty only increased with the search of dogs

कटनी. मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्रियों के दौरे में बात जब सुरक्षा की होती है तो पुलिस जवानों के साथ एक और कर्मचारी भी सक्रिय भूमिका निभाता है। हालांकि यह इंसान तो नहीं है लेकिन सुरक्षा इसके बिना पूरी नहीं होती। हम बात कर रहे जिया श्वान की। यह गुमनान हीरो हर पल चौकसी बरत रहा है। इसके ऊपर वीवीआइपी हस्तियों से लेकर आम लोगों तक की सुरक्षा का जिम्मा है। पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर अपराधियों की धरपकड़ का काम कर रहा है। चुनाव में तो इसकी जवाबदारी और बढ़ गई है। जिस तरह से नेताओं का हर घंटे शेड्यूल तैयार हो रहा है। उसी तरह से जिया व डोना नाम के दोनों डॉग दिनभर अलर्ट मोड में रहते है। प्रभारी के पास फोन आते ही तुरंत तैयार हो जाते है।
300 से 350 रुपये के बीच एक दिन का खर्च:
विस्फोटक सामग्री कहा पर रखी है, इसको सूंघ कर बताने वाली स्नाइपर डॉग जिया के खाने पीने से लेकर साफ-सफाई में हर दिन लगभग 300 से 350 का खर्च आता है। डॉग स्क्वाड प्रभारी प्रधान आरक्षक मकसूद अली हर समय जिया की देखभाल में तैनात रहते है। इसी तरह से चोरी, हत्या व लूट जैसे गंभीर मामलों का उजागर करने वाले ट्रेकर डॉग डोना का भी हर दिन 300 से 350 रुपये खर्च आता है। डोना के प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि हर माह जिया व डोना दोनों के स्वास्थ्य का परीक्षण होता है। डॉक्टर के बताए अनुसार भोजन दिया जाता है।
सुबह शाम प्रेक्टिस:
डॉग स्क्वॉड प्रभारी मकसूद व नरेंद्र ने बताया कि हर दिन सुबह व शाम दोनों को तीन किमी घूमाया जाता है। मंगलवार व शुक्रवार को परेड की प्रेक्टिस होती है। हर दिन दोनों के खाने पीने व आराम करने का समय भी फिक्स है।

इनका कहना है:
लोकसभा चुनाव के दौरान ये पूरी तरह से मुश्तैद रहते है। इनका विशेष ध्यान भी रखा जाता है।
राघवेंद्र भार्गव, रक्षित निरीक्षक।

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