कटनी

108 एंबुलेंस से निजी अस्पताल में मरीज ले जाने का खेल हुआ उजागर, फिर भी नहीं बदली व्यवस्था

निजी एम्बुलेंसों के खड़ा होने का अड्डा बना जिला अस्पताल, परिसर में हर समय बनी रहती है जाम की स्थिति, चालकों का भी लगा रहता है जमघट
 

कटनीOct 12, 2019 / 12:00 pm

dharmendra pandey

अस्पताल में खड़ी निजी एम्बुलेंस।

कटनी. शासकीय जिला अस्पताल में 12 दिन पहले एक मरीज को सरकारी एम्बुलेंस से उतार कर निजी एम्बुलेंस में ले जाने का मामला सामने आया था। उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने एम्बुलेंसों को बाहर खदेडऩे कोई कार्रवाई नहीं की। सरकारी की जगह निजी एम्बुलेंस में मरीजों को लाने ले जाने के चल रहे इस गोरखधंधे को लेकर पत्रिका ने खोजबीन की तो पता चला की अस्पताल परिसर में निजी एम्बुलेंस वाहनों के खड़े होने की कोई अनुमति नहीं है। इसके बावजूद दिन-रात निजी एम्बुलेंस वाहन यहां पर खड़े रहते हंै। इतना ही नहीं सांठगांठ होने की वजह से मौका लगते ही मरीजों को निजी एम्बुलेंस से भेज दिया जाता है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण सरकारी जिला अस्पताल निजी एम्बुलेंस वाहनों के खड़ा होने का अड्डा बनकर रह गया है। वाहनों के बेवजह खड़ा होने की वजह से जाम की स्थिति बनती है। जिसके चलते इलाज कराने मरीजों को परेशान होना पड़ता है। साथ ही दिनभर एम्बुलेंस चालक भी परिसर में भीड़ लगाए रहते हैं।

चौपाटी के पास जगह की थी निर्धारित
जिला अस्पताल परिसर के भीतर खड़ी होने वाली निजी एम्बुलेंस वहां पर खड़ी न हो, इसके लिए लगभग 8 माह पहले कटनी-मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने दूसरी जगह पर खड़ा करने को कहा था। निजी एम्बुलेंस वाहनों के खड़ा होने के लिए चौपाटी के पास स्थान भी चिन्हित किया गया था। इसके बाद कुछ निजी एम्बुलेंस वाहन चालक तो चिन्हित जगह पर खड़ा करने लगे लेकिन कुछ चालक अब भी मनमानी रूप से वाहन खड़ा कर रहे हैं

पुलिस की कार्रवाई भी औपचारिक
जिला अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों के मुताबिक परिसर के भीतर निजी एम्बुलेंस न खड़ी हो। कार्रवाई के लिए कई बार पुलिस प्रशासन को पत्र भी लिखा गया लेकिन पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। महज दिखावे की कार्रवाई की गई। जिस वजह से बेखौफ होकर निजी एम्बुलेंस चालक वाहन को परिसर में खड़ा कर रहे हैं।


-अस्पताल परिसर में खड़ी होने वाली निजी एम्बुलेंस का बाहर करने के लिए कई बार पुलिस को कहा गया है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा भी कई बार मना किया जा चुका है। परिसर के भीतर कोई निजी एम्बुलेंस न खड़ा हो, इसके लिए फिर से कहा जाएगा।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।

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