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मौत के साये में जिंदगी की सफर का खेल, देखिये यात्री कैसे जान जोखिम में डालकर करते हैं सफर

locationकटनीPublished: Aug 31, 2018 10:32:23 pm

एक तरफ मालगाड़ी, दूसरी तरफ यात्री ट्रेन, दोनों के बीच से निकलते हैं यात्री, डीआरएम बोले असुरक्षित हो रही यात्रा तो करेंगे उपाय

The journey of life in the shadow of death, see video

एनकेजे स्टेशन पर मालगाड़ी और यात्री ट्रेन के बीच निकलते यात्री

कटनी. न्यू कटनी जंक्शन (एनकेजे) में सिंगरौली व शहडोल की ओर से आने वाली यात्री ट्रेनों के रुकने के साथ ही यहां मौत के साये में जिंदगी की सफर का खेल शुरु हो जाता है। शुक्रवार दोपहर 11266 अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन के रुकते ही यात्री ट्रेन से उतरने लगे। यहां एक तरफ मालगाड़ी खड़ी थी, दूसरी तरफ यात्री ट्रेन। दोनों के बीच बेहद संकरी जगह में उबड़-खाबड़ गिट्टी पत्थर के बीच बड़ी संख्या में यात्रियों ने मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए चले।
इनमें किसी को शहर में रिश्तेदार के यहां जाना तो कोई अपने घर जल्दी पहुंचना चाहता था। कुछ यात्री ऐसे भी थे जिनको कटनी मुख्य रेलवे स्टेशन या फिर मुड़वारा रेलवे स्टेशन से दूसरी ट्रेन पकड़कर आगे का सफर करना था। एनकेजे हाल्ट पर कुछ देर पहले ही हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस खड़ी हुई थी तो शहर पहुंचने वाले यात्रियों में वे लोग भी थे जो सिंगरौली व शहडोल मार्ग पर पडऩे वाले कस्बाई नगरों में छोटे व्यापारी हैं और खरीददारी के लिए कटनी थोक बाजार जाना था।
बता दें कि एनकेजे में रेलवे द्वारा घोषित रेलवे स्टेशन नहीं है। इसके बाद भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री जान जोखिम में डालकर ट्रेन से उतरते हैं। गंतव्य तक जल्दी पहुंचने का प्रयास करते हैं। इस संबंध में जबलपुर डीआरएम डॉ. मनोज सिंह असुरक्षित यात्रा पर उपाय करते की बात कही है। उन्होंने बताया कि एनकेजे में डीजल इंजन वाले ट्रेनें डीजल भरने के लिए रुकती हैं। इलेक्ट्रिक इंजन के साथ चलने वाले यात्री ट्रेनें ज्यादा देर क्यों रुकती हंै, इसका पता करवाते हैं। ट्रेनें रुकने पर अगर बड़ी संख्या में यात्री उतर रहे हैं तो सुरक्षित यात्रा को लेकर स्थानीय अधिकारियों से बात करते हैं।

इसलिए ज्यादा देर रुकती हैं ट्रेनें, जान जोखिम में डालते हैं यात्री
यात्रियों ने बताया कि एनकेजे से कटनी मुख्य स्टेशन, मुड़वारा व कटनी साउथ स्टेशन तक ट्रेन में पहुंचने में आधा घंटा से लेकर कई बार तो एक घंटा व उससे भी ज्यादा समय लग जाता है। इस कारण गंतव्य जल्दी पहुंचने के लिए यात्री यहां उतरते हैं। बताया जा रहा है कि एनकेजे हाल्ट से इन स्टेशनों के बीच रेलवे का बड़ा यार्ड है। यहां मालगाड़ी निकासी के कारण यात्री ट्रेनें ज्यादा देर रुकती हैं।

इन ट्रेनों से उतरते हैं यात्री
एनकेजे में चिरिमिरी-कटनी मुड़वारा पैसेंजर, सिंगरौली-जबलपुर इंटरसिटी, अंबिकापुर-जबलपुर इंटरसिटी, हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस, बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनें शामिल हैं। खासबात यह है कि इन ट्रेनों से यात्रियों के उतरने की बात शहर के ऑटोचालकों को पता है और इस कारण बड़ी संख्या में ऑटो खड़ी रहती है।
लेट होती है बिलासपुर की ओर जाने वाली ट्रेनें, सुविधायुक्त स्टेशन की मांग
यात्रियों ने बताया कि एनकेजे में कम उंचाई का प्लेटफार्म पहले से बना है। कटनी से बिलासपुर की ओर जाने वाली ट्रेनें अमूमन यहां बिना स्टॉपेज के रुकती है। इसके पीछे मालगाड़ी निकासी को कारण बताया जा रहा है। यात्री एनकेजे में सुविधायुक्त स्टेशन विस्तार की मांग के साथ ही बिलासपुर की ओर जाने वाली ट्रेनों को यहीं से चलाने की मांग लंबे अरसे से कर रहे हैं।

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