कटनी

एमपी के तीन मंत्रियों के पास रहा जिले का प्रभार, फिर भी बैठक में बरती लापरवाही, जानिए कारण

चिकित्सिा सुविधा विस्तार के लिए जरूरी रोगी कल्याण समिति की बैठक बुलाने में कलेक्टर व सीएस भी उदासीन

कटनीAug 24, 2018 / 11:45 am

dharmendra pandey

District hospital,

कटनी. जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिले। व्यवस्थाएं भी अच्छी हो। इसके लिए जिला अस्पताल में हर माह रोगी कल्याण समिति की बैठक होना चाहिए। जिससे अस्पताल में मरीजों के अनुकूल चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो सके। खासबात यह है कि रोगी कल्याण समिति की बैठक हर माह होनी चाहिए। इधर, जिला अस्पताल में स्थिति यह है कि सालभर में एक बार ही हो रही है। 2013 से अब तक 60 बैठकें हो जाने थी, लेकिन पांच साल में पांच बैठकें ही हो सकी हैं।
इसके साथ ही सालभर में एक बार प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला अस्पताल में साधारण सभा की भी बैठक होनी चाहिए। जानकर ताज्जुब होगा कि यहां पांच साल के भीतर तीन प्रभारी मंत्री जिले के प्रभारी रहे, लेकिन एक भी बैठक नहीं हुई। इसमें वर्तमान सांसद व आदिम जाति कल्याण मंत्री रहे ज्ञान सिंह, उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला व वित्त मंत्री जयंत मलैया शामिल है।

बैठक का यह फायदा
अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए जरुरी उपकरण व स्टॉफ की समीक्षा और उपलब्धता पर बात कर उसे पूरा करने का प्रयास। जिले में ऐसे दानदाता जो अस्पताल में जरुरत के अनुरुप बड़ा दान कर सकते हैं उनसे बात कर जरुरी सुविधाओं का विस्तार।

सीएस व सीएमएचओ बुलाते हैं बैठक
रोगी कल्याण समिति जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को बुलानी होती है। इसमें कलेक्टर से बात कर समय निर्धारित किया जाता है। साधारण सभा की बैठक कराने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की होती है। प्रभारी मंत्री इसकी अध्यक्षता करते है। इसमें जिले के समस्त विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्य शामिल होते है।

आठ साल में तीन बार ही हुई साधारण सभा की बैठक
जिला अस्पताल में साधारण सभा की बैठक साल 2011 में 20 मई, 2012 में 23 मई व 2013 में 7 जून को हुई। 2011 से अब तक आठ साल के दौरान महज तीन बार ही साधारण सभा की बैठक हुई।

बैठक न बुलाने से अस्पताल में सुविधाओं का अभाव
जिला अस्पताल के विकास के लिए रोगी कल्याण समिति के तहत सालभर में एक साधारण सभा की बैठक होना अनिवार्य होता है। इस बैठक में प्रभारी मंत्री से लेकर जिले से जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, सीएमएचओ व सिविल सर्जन सहित समस्त सदस्यों को शामिल होना अनिवार्य होता है। पिछले पांच साल में एक बार भी साधारण सभा की बैठक नहीं हुई है।
संजय चौदहा, रोगी कल्याण समिति सदस्य।
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पूर्व सिविल सर्जनों द्वारा भी बैठक बुलाने में गलतियां की गई है। मुझे सिविल सर्जन बने हुए लगभग 6 माह ही हुए है। तक एक बैठक कराई जा चुकी है।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।
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मुझे सीएमएचओ बने हुए लगभग तीन-चार माह हुए है। पहले बैठक क्यों नहीं बुलाई जा रही थी। इसकी जानकारी नहीं है। साधारण सभा की बैठक के लिए प्रभारी मंत्री से डेट मांगी जा रही है। बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी।
डॉ. एसके निगम, सीएमचओ।

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