जबलपुर ले गई तो एक नर्स ने कहा कराओ झाडफ़ूक
मां ज्योति मुखर्जी ने बताया कि इस बीच बेटे की तबियत खराब हो गई। तीन दिन पहले इलाज के लिए अस्पताल गई लेकिन डॉक्टरों ने मना कर दिया। विक्टोरिया अस्पताल जबलपुर ले जाने को कहा। विक्टोरिया अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने छुआ तक नहीं। पति डॉक्टरों के पैर पकड़कर बेटे की जिंदगी बचाने गिड़गिड़ाते रहे, तब जाकर भर्ती किया। करीब एक घंटा भर्ती रहने के बाद छुट्टी दे दी गई। नर्स द्वारा कहा गया कि सिहोरा में कोई झांडफ़ूक करता है, वहां लेकर चली जाओ। इतने में रास्ते में बेटे ने दम तोड़ दिया।
जिले में 4 माह से खत्म चल रहा रैबीज इंजेक्शन का स्टाक
जिले में साढ़े 4 माह से रैबीज का इंजेक्शन नहीं है। कुत्ता काटने का इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। सरकार ने सालभर से रैबीज इंजेक्शन की खरीदी ही नहीं की। अस्पतालों में रखा पुराना स्टाक भी खत्म हो गया। सरकार की इस बदइंतजामी का खामियाजा अब गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। जिले के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मानें तो साढ़े माह से सरकार ने इंजेक्शन खरीदे ही नहीं। सरकार व दवा कंपनियों के बीच रेट कांट्रेक्ट ही नहीं हो पाए।
-प्रेमनगर निवासी ज्योति मुखर्जी के बेटे की तीन दिन पहले रैबीज का इंजेक्शन न मिल पाने की वजह से मौत हो गई है। उसने कल ही मुझे जानकारी दी है। बता रही थी जिला अस्पताल में चार से पांच बार इंजेक्शन लगवाने बेटे को लेकर गई थी, लेकिन डॉक्टरों द्वारा कहा गया कि इंजेक्शन नहीं है।
साक्षी गोपाल साहू, पार्षद।
-जिले में पिछले कई माह से रैबीज इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। सरकार को कई बार पत्र भी लिखा गया। सालभर से सरकार ने इंजेक्शन की खरीदी नहीं की है। जिस वजह से कमी बनी हुई है।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।
-यह दुखद घटना है। जिला अस्पताल में इंजेक्शन की कमी बनी हुई इस संबंध में कलेक्टर से चर्चा करूंगा। जल्द से जल्द रैबीज इंजेक्शन की व्यवस्था कराई जाएगी।
संदीप जायसवाल, विधायक