इसके लिए अलग-अलग विभागों के डेढ़ लाख से ज्यादा फाइलें स्कैन कर मेन डाटा सर्वर में सुरक्षित कर लिया गया था। प्रमुख अधिकारियों की मेल आइडी से लेकर डिजिटल हस्ताक्षर तैयार करने के साथ ही क्लर्क को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी थी। कटनी प्रदेश का पहला जिला था जहां इ-ऑफिस चालू होना था, लेकिन अंतिम चरण में प्रक्रिया रुक गई। अब जब प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद कटनी जिले में कर्मचारियों को इसकी तैयारी में कम मशक्कत करनी पड़ रही है।
कलेक्टर एसबी सिंह ने बताया कि जिले के सभी कार्यालयों में इ-ऑफिस प्रारंभ करने की तैयारी चल रही है। दिसंबर से चालू होना है। इसके लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। पहले जिन कर्मचारियों ने ट्रेनिंग ली है, वे साथी कर्मचारियों को बता रहे हैं।
बतादें कि इ-ऑफिस लागू होने के बाद ज्यादातर काम पेपरलेस वर्क व्यवस्था पर होगा। जरुरी प्रक्रिया में कागज की बचत होगी और किसी भी टेबल पर क्लर्क समय से ज्यादा फाइल नहीं रोक पाएंगे। कौन सी फाइल कहां है और उसमें कितना काम हुआ है इसकी जानकारी उच्चाधिकारी सीधे प्राप्त कर सकेंगे। आमजनों को शासकीय कार्य के लिए कार्यालयों के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
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