जयपुर से दो संदेही को पकड़ा है। मामले में पूछताछ की जा रही है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
डॉ. हिमानी खन्ना, एसपी।
कटनीPublished: Feb 23, 2019 09:30:24 pm
dharmendra pandey
जयपुर से पकड़े गए दो संदिग्धों से पुलिस ने शुरू की पूछताछ, दिल्ली से हो रहा गिरोह का संचालन
Minister’s driver said, I framed myself in sex racket
कटनी. जयपुर के खोरी गांव से ऑनलाइन ठगी के मामले में पकड़े गए दो संदेहियों से पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस के हाथ लगी है। लोगों को फंसाने के लिए सरगना युवतियों का सहारा लेकर उनसे लोगों से फोन पर बात कराते हुए झांसा देकर उनको शिकार बनाता है। ऑनलाइन ठगी के गिरोह का संचालन दिल्ली से किया जा रहा है।
झिंझरी निवासी प्रापर्टी डीलर सोमदत्त तिवारी को ठगों ने शिकार बनाया था। निजी कंपनी का टॉवर लगाने के नाम पर उनसे करीब 2.50 लाख रुपये ऐठ लिए थे। पैसा मिलने के बाद ठगों ने मोबाइल भी बंद कर लिया था। इधर, पैसा जमा होने के बाद भी टॉवर न लगने व रुपये नहीं मिलने पर सोमदत्त ने माधवनगर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में बताए गए पते पर पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों को पकडऩे के लिए टीम गठित की। एक टीम को जयपुर भेजा गया था और वहां से टीम दो लोगों को पकड़कर पुलिस बुधवार को कटनी लाई है। जिनसे मामले में पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि ऑनलाइन ठगी के गिरोह का संचालनकर्ता दिल्ली के लक्ष्मीनगर का रहने वाला है। वहीं से बैठकर वह युवतियों का सहारा लेकर लोगों को ठगी का शिकार बनाता है। इस काम के लिए आरोपियों को ढाई प्रतिशत हिस्सा देता था।
आइबीडी सैल्यूशन के नाम से संचालित है कंपनी:
बताया जाता है कि दिल्ली निवासी सरगना हेमंत सोनी ने आइबीडी सेल्यूशन के नाम से कंपनी बनाई है। जयपुर के शाहपुर में सिंडीकेट बैंक में खाता खुलवाया था। दिल्ली से युवतियां बात करती थीं। मोहन यादव के खाते में पैसा जमा करने को कहती थीं। एटीएम कार्ड हेमंत सोनी के पास रहता है। खाते में पैसा आते ही सरगना हेमंत पूरा पैसा निकाल लेता था। ठगी के इस कारोबार में हर माह करोड़ों का लेनदेन होता है। कटनी के अलावा कारोबार दूसरे जिलों में भी फैला हुआ है।
कंपनी में गड़बड़ी पर निकाला था बाहर
सरगना हेमंत व विजय शर्मा जयपुर के किसी कंपनी में साथ में काम करते थे। वहां पर दोनों लोगों ने मिलकर गड़बड़ी की थी और पता लगने पर कंपनी ने दोनों को काम से निकाल दिया था। इसके बाद दोनों ने साथ मिलकर ठगी का कारोबार शुरू किया और आइबीडी सेल्यूशन के नाम से कंपनी खड़ी की। इसके बाद विजय ने अपने साथी मोहन यादव का बैंक में खाता खुलवाया।