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सड़क बचाने सड़क पर उतरे ग्रामीण

locationकटनीPublished: Oct 18, 2020 11:52:07 pm

रोका ठेकेदार का खनिज लोड ओवरलोड वाहन, ग्रामीणों ने कहा प्रशासन से कई बार की थी शिकायत, अफसर नहीं सुने तो सड़क को बचाने स्वयं ही उतरे सड़क पर.

The villagers landed on the road to save the road

सड़क बचाने सड़क पर उतरे ग्रामीण

कटनी. कैमोर थानाक्षेत्र के बमनगवा गांव को मुख्य मार्ग से जोडऩे वाली दो किलोमीटर सड़क को ओवरलोड वाहनों की आवाजाही के बाद खराब होने से बचाने के लिए गांव के लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। शनिवार सुबह प्रदर्शन के दौरान ठेकेदार के खनिज लोड वाहनों को रोक दिया और दो टूक कहा कि जिन ओरवलोड वाहनों की आवाजाही से उनके गांव तक पहुंचने वाली सड़क खराब हो रही है उन वाहनों को इस सड़क पर नहीं चलने देगें।

सड़क को बचाने के लिए ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की जानकारी ठेकेदार तक पहुंची तो लाव लश्कर के साथ मौके पर पहुंचा। खनिज लोड वाहनों को गांव की सड़क से खदान तक पहुंचाने के लिए पुरजोर कोशिश की, लेकिन ठेकेदार की एक न चली। ठेकेदार को जब लगा कि उसके ओवरलोड खनिज वाहन गांव की सड़क पर नहीं चलेगी तो लौटते हुए मशीन लगाकर सड़क खुदवा देने की बात तक कह डाली।

ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार के ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से सड़क को बचाने के लिए अफसरों को कई बार पत्र देकर जानकारी दी। वाहनों से सड़क खराब होने और उसे बचाने की फरियाद दी, लेकिन अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। परेशान ग्रामीणों ने सड़क की रक्षा के लिए स्वयं ही सड़क पर उतरे।

कैमोर थाना प्रभारी पंकज शुक्ला ने बताया कि ओवरलोड खनिज वाहनों से गांव तक जाने वाली सड़क के खराब होने की बात पर वाहनों को नहीं चलने का विरोध ग्रामीणों ने किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी को भी कोई नुकसान नहीं हो इसके लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

सरपंच बोलीं शासकीय संपत्ति नुकसान का दर्ज कराएंगे रिपोर्ट
ग्रामीणों ने बताया कि ट्रकों को रोके जाने के दौरान ठेकेदार ने संघ की धौंस बताया, यह भी कहा कि सरपंच ने सड़क से वाहनों की आवाजाही अनुमति दी है। तब ग्रामीण सरपंच के घर पहुंचे। सरपंच ने कहा कि उसने किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं दी है। बमनगवां गांव ग्राम पंचायत कलहरा में है। सरपंच रामकली बाई ने बताया कि इस मामले में शासकीय संपत्ति नुकसान का रिपोर्ट दर्ज करवाएंगे।

ग्रामीणों ने गिनाई परेशानी
बमनगवां गांव के रहवासियों ने बताया कि खराब सड़क के कारण प्रसुताओं को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है। दोपहिया वाहन चालक कई बार सड़क हादसे का शिकार होकर चोटिल हो चुके हैं। रात में आवागमन के दौरान दुघर्टना की चपेट का डर बना रहता है।

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