scriptटूटती सांसों की डोर थामने इन्हे नहीं दिन-रात की परवाह | They do not care about day and night to no stop the breath. | Patrika News

टूटती सांसों की डोर थामने इन्हे नहीं दिन-रात की परवाह

locationकटनीPublished: May 05, 2021 09:33:12 am

मुश्किल से पांच घंटे ही ले पाते हैं नींद, परिवार को भी नहीं दे पाते पूरा समय, फिर भी संतोष इस बात का कि लोगों को समय पर पहुंचा पा रहे हैं प्राणवायु.

Jeetendra Singh Baghel and associates of RTO department vacating LMO at Bajaj plant.

बजाज प्लांट में एलएमओ खाली करवाते आरटीओ विभाग के जीतेंद्र सिंह बघेल और सहयोगी।

कटनी. टूटती सांसों की डोर थामने के लिए जब ऑक्सीजन की डिमांड लगातार बढ़ रही है। तब आबकारी, आरटीओ और राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारी लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति में लगे हुए हैं। इन कर्मचारियों को न तो दिन की परवाह होती न रात की। ऑक्सीजन आपूर्ति में लगे अधिकारी-कर्मचारी अपने परिवार को भी पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं। फिर भी संतोष इस बात का है कि वे जरूरतमंदों को समय पर प्राणवायु दे पा रहे हैं।

जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन, सहायक नोडल अधिकारी परिवहन विभाग के जीतेन्द्र सिंह बघेल, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत मृगेन्द्र सिंह, आबकारी उपनिरीक्षक अभिषेक बघेल, कोरोना वॉलेन्टियर नरेन्द्र पांडेय, सहायक जिला आबकारी अधिकारी जीपी केवट, आबकारी उपनिरीक्षक महेन्द्र कुमार शुक्ला, आबकारी उपनिरीक्षक नरेन्द्र कुमार नागेश और आबकारी उपनिरीक्षक शिवदत्त सिंह सहित अन्य ऐसे कर्मचारी हैं जो कोरोना की चुनौती से निपटने में चौबीसो घंटे डटे हैं।

शहर में किसी को भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी या जानकारी चाहिए होती है तो वे लोग सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक हेल्पलाईन नंबर 9098446470 और 6263750773 पर फोन लगाते हैं।

कोरोना कर्मवीर बताते हैं कि ऑक्सीजन की उपलब्धता में पहली प्राथमिकता पर अस्पतालों को होती है। कई बार आवश्यकता को समझते हुये बफर कोटे से 45 मिनट के बेहद कम अंतराल तक में ऑक्सीजन उपलब्ध कराई है।

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