scriptvideo ये नजारा है गांवबंदी का | This is a view of village bonding | Patrika News

video ये नजारा है गांवबंदी का

locationकटनीPublished: Mar 31, 2020 01:46:10 pm

कोरोना से बदले गांव के हालात, गांवबंदी कर बाहरी लोगों का रोका प्रवेश.
बड़वारा विकासखंड के पोड़ी गांव में संपूर्ण गांवबंदी.

Village ban was done by writing information on the road at the entrance of village Podi.

ग्राम पोड़ी में प्रवेश द्वार पर सड़क पर सूचना लिखकर की गई गांवबंदी.

कटनी. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण का प्रभाव अब गांव तक पहुंच गया है। गांव में वायरस तो नहीं पहुंचा, लेकिन एहतियात बरतने के प्रयास के साथ ही कोरोना को हराने की समझदारी जरुर पहुंच गई। जिले के बड़वारा विकासखंड के ग्राम पंचायत पठरा के पोड़ी गांव में युवाओं ने 25 मार्च को ही प्रवेश द्वार पर पत्थर रखकर सूचना लिख दी कि गांव में बाहरी लोगों का आना मना है। पांच दिन से इस गांव में संपूर्ण लॉकडाउन है। गांवबंदी है।
गांव में बाहरी व्यक्तियों के पहुंचते ही जानकारी ली जाती है और कहा जाता है कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव के कारण प्रवेश नहीं दिया जाएगा। गांवबंदी करने वाले युवा बताते हैं कि बाहरी व्यक्तियों ने एहतियात बरता है या नहीं इसकी पुष्टि हो नहीं सकती है। कोरोना के प्रभाव के गांव के लोग सुरक्षित रहें, इसलिए गांवबंदी की गई है। कोरोना को हराने के लिए गांवबंदी में पोड़ी गांव के युवा कलिप शर्मा, अनिलेश, विनोद, सुशील, विजय, अजय, मुन्ना सिंह मराबी, श्याम सुंदर व उमेश शर्मा सहित अन्य युवा आगे आए। पत्थर एकत्रित कर गांव के प्रवेश द्वार पर रखा और लोगों को प्रवेश से रोक दिया।
गांवबंदी पर राजकुमार शर्मा बताते हैं कि जानते में गांवबंदी की नौबत पहली बार आई है। पर क्या करें, जब दुनिया के बड़े देशों में लॉकडाउन हो रहा है तो गांव बंदी कौन सी बड़ी बात है।
वहीं रामगोपाल शर्मा का कहना है कि कोरोना के प्रभाव से दुनियाभर में तबाही की खबर सुनते आ रहे हैं। गांव के बच्चे और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने के लिए गांवबंदी की गई।

सरपंच सुशीला बाई बतातीं हैं कि गांव के युवाओं का मानना है कि गांवबंदी से बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रुक जाएगा तो गांव में रहने वाले लोग संक्रमण के दुष्प्रभाव से बचे रहेंगे।
ऐसे चल रही गांव की अर्थव्यवस्था
– कुछ घरों से बाहर से दूध लेते थे, गांवबंदी के बाद मोहल्ले में दूसरे घरों से लेने लगे।
– सब्जी व दूसरी जरुरतें घर के अंदर बाड़ी से पूरी हो रही है। किसी के घर भाजी है तो किसी के घर पपीता। आपस में सब्जी बदलकर स्वाद भी बदल लेते हैं।
– साड़ी व कपड़े के अलावा खिलौने एवं सौंदर्य सामग्री बेचने के लिए आने वाले लोगों को गांव में आने से रोक दिया गया। ग्रामीण कहते हैं जब तक कोरोना है इन वस्तुओं के बिना काम चला लेंगे।
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