इस बीच 19 नवंबर की शाम करीब 7.30 बजे वाहन का डीजल खत्म हुआ तो बैतूल जिले के दामजीपुरा स्थित पेट्रोप पंप में वाहन खड़ी कर तस्कर डीजल भरवाने लगे। तभी मजदूर वाहन से उतर गए और आगे जाने से मना किया। मजदूरों के विरोध करने पर तस्करों ने जबरिया वाहन में बैठाने की कोशिश की। इस बीच आसपास के ग्रामीणों ने मदद की और मजदूरों को तस्करों के चंगुल से मुक्त करवाया। वहां जन सहारा स्वयं सेवी संगठन के सदस्यों ने मजदूर और उनके परिवार के सदस्यों की मदद की।
मोहदा पुलिस थाने में आरोपी तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया और वाहन का इंतजाम कर श्रमिक और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षित कटनी लेकर पहुंंचे। सोमवार को पीडि़त मजदूर कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों को परेशानी बताई। अधिकारियों ने श्रमिकों की समस्या दूर करने के लिए त्वरित कार्रवाई प्रारंभ की।
श्रमिकों ने बताया कि एजेंट शंकर कोल व मुंडा कोल और ट्रक ड्राइवर अश्विन व रमेश गायकवाड़ और सहयोगी हेमंत व अर्जुन निवासी जलगांव महाराष्ट्र यहां से मजदूरों को करेली जबलपुर में काम करना बताकर कर्नाटक ले जा रहे थे। आरोपियों के खिलाफ बैतूल की मोहदा पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया।
इधर, कलेक्ट्रेट में लक्ष्मण कुमार, झल्लू, जबघेरा, जंगलिया, गुमान सिंह, संतरा बाई, सचिन कुमार, अरविंद कुमार, कमल, सुनिता बाई, रजनी, संदीप आदिवासी, पूजा बाई, मैना बाई सहित अन्य ने जिला पंचायत सीइओ जगदीश चंद्र गोमे को बताया कि गांव में मनरेगा का काम बंद है। काम चालू रहने के दौरान काम करने पर मजदूरी भी कम मिलती है। इस पर सीइओ ने सभी मजदूरों के लिए मंगलवार से ही काम प्रारंभ करवाने की बात कही और शाम तक प्रक्रिया भी पूरी की।
इस जिला पंचायत सीइओ जगदीश चंद्र गोमे ने बताया कि मजदूरों की समस्या सुनी है। गांव में शीघ्र काम प्रारंभ करवा दिया गया है। जो लोग इन्हे जबरिया बाहर ले जा रहे थे, उनके खिलाफ श्रम निरीक्षक जरुरी कार्रवाई करवा रहे हैं।