परिवहन में लगे ट्रकों व शार्टकट रास्ता अपनाकर आ रहे शहर
इंदौर, जबलपुर, सागर, भोपाल, सागर, खरगोन जैसे संक्रमित जिलों से आने के लिए लोग परिवहन में लगे ट्रकों का सहारा ले रहे। जिनके पास खुद का साधन है वे शॉर्टकट का रास्ता अपनाकर आसानी से शहर पहुंच रहे है। इस बीच हर एक शहर से दूसरे शहर में प्रवेश करने से पहले दो नाके पड़ रहे। इसके बावजूद लोग बेधड़क शहर तक पहुंच रहे। ऐसे में नाकों की जांच पर सभी सवाल उठ रहे। इसके अलावा जिनके पास आने का खुद का साधन है वे शार्टकट रास्ता अपना कर आसानी से आ जा रहे।
16795 लोगों के आने का दावा कर रहा स्वास्थ्य विभाग
जिले का स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अब तक 16795 लोग बाहर से आए है। जिनकी स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें से अधिकांश वे लोग हैं जो कहींं न कहीं मजदूरी करने गए थे। जिलेभर में दो हजार से अधिक ऐसे लोग भी आए होंगे जिनके बारे में विभाग को पता ही नहीं है और वे चोरी छिपे घर में रह रहे।
केस नंबर-1
शास्त्री कॉलोनी निवासी एक युवती इंदौर में रहकर पढ़ाई करती है। बीते 10 दिन पहले युवती इंदौर से कटनी आ पहुंची। अब वह परिवार के साथ रह रही है। बताया जाता है कि अब तक आरआरटी द्वारा जांच भी नहीं की गई। मोहल्ले के कुछ लोगों ने हेल्पलाइन नंबर 104 पर सूचना भी दी गई, लेकिन वहां से शिकायतकर्ता का नाम पूछा गया। मोहल्ले का होने की वजह से युवक ने नाम बताने से इंकार दिया। इधर इनती जानकारी मिलने के बावजूद जिम्मेेदारों ने ध्यान इंदौर से आई युवती की स्क्रीङ्क्षनग कराने में सक्रियता नहीं दिखाई।
केस-2
दुर्गा चौक खिरहनी निवासी युवक कोरोना संक्रमित जिला जबलपुर में रहकर पढ़ाई करता है। जिले में प्रवेश प्रतिबंधित होने के बाद भी वह 20 अपै्रल को जबलपुर से कटनी आ गया। हालांकि सूचना मिलने पर दूसरे दिन पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसकी स्क्रीनिंग की और उसे 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन में रहने के लिए कहा गया।
-जिले में किसी व्यक्ति को आने नहीं दिया जा रहा है। सिर्फ वहीं लोग आ रहे जिनको परमिशन मिली है। नाकों पर वाहनों की जांच की व्यवस्था और अधिक दुरूस्त कराई जाएगी। इसके लिए पुलिस अधीक्षक से बात भी की जाएगी।
एसबी सिंह, कलेक्टर।