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जानिए बच्चों को क्यों रास नहीं आ रहीं मुख्यमंत्री की यह योजना

locationकटनीPublished: Jul 02, 2018 08:34:06 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

सालभर पहले 4500 ने कराया था पंजीयन, 15 छात्रों ने ही ली टे्रनिंग

mp vidhansabha election:

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कटनी. प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन व कौशल्या विकास योजना के तहत दी जाने वाली मुफ्त तकनीकी शिक्षा रास नहीं आ रही हैं। साल 2017 जनवरी माह में शुरू हुई इस योजना में जिले की आइटीआइ में 4500 युवक-युवतियों ने पंजीयन कराया था। इसमें सिर्फ 15 छात्रों ही ट्रेनिंग ली है। जबकि आइटीआइ प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा है कि योजना का लाभ अधिक से अधिक से लोग उठा सकें, इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों को एसएमएस व फोन के माध्यम से सूचित भी किया गया। उसके बाद छात्रों ने रूचि नहीं दिखाई।
कम पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक-युवतियों को भी आसानी से रोजगार मिल सकें। प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी में कमीं आए। इसके लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन व कौशल्या विकास योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत हर साल २.५० लाख युवक-युवतियों को रोजगार प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएफक्यूएफ) के तहत कौशल दक्षता के आधार पर संचालित होने वाले कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों को मुफ्त में 100 से 1200 घंटे तक प्रशिक्षण देना था। जिले में शुरु हुई 2017 में 4500 छात्रों ने विभिन्न कोर्सों में रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन पढ़ाई करने नहीं आए। सिर्फ एक ही बैच चला। जिसमें 15 युवक-युवतियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

नहीं है प्रशिक्षित ट्रेनर
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन व कौशल्या योजना के तहत विभिन्न कोर्सों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष ट्रेनर की जरूरत होती है, लेकिन जिले के आइटीआइ में इस योजना के अंतर्गत स्वींइग मशीन ऑपरेटर, असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, डोमेस्टिक डाटा इंट्री ऑपरेटर, अन्आम्र्ड सिक्योरिटी गार्ड, मेटल आर्क वेल्ंिडग वेल्डर, वुड वर्क कॉरपेंटर टेक्नीशियन के जो कोर्स संचालित हो रहे है। उसके लिए ट्रेनर ही नहीं है। योजना के तहत जिन ट्रेनरों को रखा जाता है उनके पास स्किल कौशल योजना के तहत टे्रनरों को ट्रेंड होना चाहिए। साथ ही योजना में ट्रेनर के लिए जो शर्त रखी गई, उसके चलते कोई पढ़ा लिखा व्यक्ति टे्रनर बनने को भी नहीं तैयार है। क्योंकि उसे खुद के पैसे से ट्रेनिंग करना है। इसके साथ ही यह भी निश्चित नहीं है, कि वह कब तक नौकरी में रहेगा।

28 सेक्टर में कोर्स 65, जिले में चल रहे सिर्फ 6
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं कौशल्या योजना के तहत महिला व पुरुष के लिए28 सेक्टरों के लिए 65 कोर्स शासन तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे है। जिले की आइटीआइ में सिर्फ छह कोर्स ही संचालित है। इसमें स्वींइग मशीन ऑपरेटर, असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, डोमेस्टिक डाटा इंट्री ऑपरेटर, अन्आम्र्ड सिक्योरिटी गार्ड, मेटल आर्क वेल्ंिडग वेल्डर, वुड वर्क कॉरपेंटर टेक्नीशियन शामिल है।

यह भी बनी वजह:
तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन व कौशल्या योजना के तहत बच्चों के रूचि न लेने का एक कारण यह है कि ऑनलाइन फार्म भरते समय छात्र को तीन स्थानों का चयन करना है।100 से 1200 घंटे तक चलने वाले इस कोर्स में कटनी के छात्र को दूसरे शहर में एडमिशन मिलता है। ऐसे में वह दो से छह माह के लिए बाहर नहीं जाना चाहता। क्योंकि उसे दूसरे शहर में सिर्फ टे्रनिंग ही फ्री में मिलेगी। शेष खर्चा उसे खुद ही उठाना पड़ेगा। साथ ही यह भी निश्चित नहीं है कि ट्रेनिंग मिलने के बाद उसे नौकरी मिल जाएगी। ऑनलाइन पंजीयन कराने वाले छात्रों ने बताया कि एक साल पहले एडमिशन कराया था। अब छिदवाड़ा में कॉलेज मिल रहा है। ऐसे में दो माह के लिए वहां कौन जाएगा।

महिला व पुरुष के लिए है अलग-अलग कोर्स
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन व कौशल्या योजना के तहत संचालित होने वाले कोर्सों में महिला व पुरुष दोनों वर्गाे के लिए अलग-अलग कोर्स है। महिला वर्ग के लिए 11सेक्टरों पर में 22 कोर्स संचालित किए जा रहे है। जबकि पुरुष वर्ग के लिए १७ सेक्टरों में 39कोर्स है।

माह वार कोर्स
– २ माह: जनरल हाउस कीपर, पिकल मेकिंग टेक्नीशियन, असिस्टेंट हेयर स्टायलिस्ट, रिटेल ट्रेनी एसोसियेट, रिटेल सेल्स एसोसियेट,
डिस्ट्रीब्यूटर सेल्समैन, अन्आम्र्ड सिक्योरिटी गार्ड, ट्रेवल कंसल्टेंट, एकाउंट एक्जीक्यूटिव, डीटीएच सेटटॉप बाक्स इंस्टालेशन, पिकल मेकिंग टेक्नीशियन,जेम, जेली एंड केचप प्रोसेसिंग टेक्नीशियन, बेकिंग टेक्नीशियन, सोलर पीवी इंस्टालर सूर्यमित्र, सोलर पीवी इंस्टालर इलेक्ट्रीकल, सोलर पीवी इंस्टालर सिविल। -३ माह: विजन टेक्नीशियन, डाइट असिस्टेेंट, डोमेस्टिक डाटा इंट्री ऑपरेटर, लाइफ इंश्योरेंस एजेंट, ट्रेक्टर ऑपरेटर, माइक्रो इरीगेशन टेक्नीशियन, असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, बार वेंडर एंड स्टील फिक्सर, कारपेंटर-वुडन फर्नीचर, फील्ड टेक्नीशियन-कम्प्यटिंग एंड पेरीफेरल्स, सीसीटीवी इंस्टालेशन टेक्नीशियन, मोबाइल फोन हार्डवेयर रिपेयर टेक्नीशियन, फील्ड टेक्नीशियन-अदर होम एप्लायसेंस, लाइफ इंश्योरेंस एजेंट।
– ४ माह: स्वींइग मशीन ऑपरेटर।
– ५ माह: सेल्फ एम्प्लॉयड टेलर, रिफ्रेक्शनिस्ट, सेल्फ एम्प्लॉयड टेलर, सीएनसी ऑपरेटर टर्निंग।
-६ माह: शोउफर/टैक्सी ड्रायवर, ऑटोमोटिव सर्विस टेक्नीशियन, मैनुअल मेटल आर्क वेल्डिंग/शील्डिंग, मेटल आर्क वेल्ंिडग वेल्डर, फिटर-इलेक्ट्रिकल एडं इलेक्ट्रानिक्स, फिटर-मैकेनिकल एसेंबली शामिल है।

नहीं है प्रशिक्षित ट्रेनर
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन व कौशल्या योजना के तहत बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए प्रशिक्षित ट्रेनर नहीं है। बच्चों भी २ से ६ माह तक दिए जाने वाले इस प्रशिक्षण में रूचि नहीं ले रहे है। एडमिशन लेने ही नहीं आ रहे हैं। इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों को जानकारी भेज दी गई है।
आरपी परौहा, अधीक्षक, आइटीआइ।
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