कटनी जिले में पदस्थ इस शिक्षक ने महिलाओं और बच्चियों के सम्मान में एक अनूठा अभियान छेड़ रखा है। पिछले दो दशक पूर्व से सोनी के द्वारा पढ़ाई के पहले कन्या पूजन किया जाता है। ये शिक्षक जहां स्कूल में हर रोज प्रार्थना के समय बिना भेदभाव के सभी वर्ग की छात्राओं का पैर धोकर पूजन करते रहे हैं। वहीं, कोरोना महामारी के दौर मे भी ’’हमारा घर-हमारा विद्यालय’’ के तहत संचालित मोहल्ला क्लास में कन्याओं का पूजन करना नहीं भूलते। पिछले 23 वर्षो से ये सिलसिला लगातार जारी है। इनके इस अनूठे कार्य को हर स्तर पर सराहना भी मिली है। इस अभियान को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी शामिल किया गया है।
सहायक शिक्षक ने महिला सम्मान की मिशाल कायम की है। शिक्षक सोनी शाला के प्रभारी प्राचार्य भी हैं। राजा भैया महिलाओं और बच्चियों के प्रति समाज को संदेश देने की कोशिश करते रहे हैं। शाला में पढ़ाई से पहले हर रोज सभी वर्ग की छात्राओं के पैर पखारकर कन्या पूजन का 23 साल पहले शुरू किया गया सिलसिला आज भी जारी रखा है। वे मानते हैं कि कन्या पूजन छात्राओं और महिलाओं का सम्मान बढ़ाने व भेदभाव मिटाने का प्रयास है।
सोनी कहते हैं कि इसके लिए उन्हें परिवार से प्रेरणा मिली कि लोंगो की सोच बदलने के लिए महिलाओं का सम्मान करूंगा ताकि लोगों में नैतिकता का वातावरण बने। साथ ही महिलाओं को सम्मान जनक जीवन जीने का अच्छा माहौल मिलेगा। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन द्वारा हर कार्यक्रम में कन्या पूजन शुरू करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का आभार व्यक्त किया है। उनका प्रयास है कि स्कूली पाठ्यक्रम में महिलाओं के सम्मान को शामिल किया जाय, हमारे नैतिक शिक्षा में एक पाठ शामिल किया जाये।