परिवार सहित घर वापसी कर रहे श्रमिकों ने बताया कि उनके सपनों की ट्रेन जैसे मुसीबत के सफर का पर्याय बन गया। मुंबई में काम की तलाश और मजदूरी करने गए तो लॉकडाउन में फंस गए। दो महीने से ज्यादा समय बिना भोजन बिना पानी के कष्ट में बिताया।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जाने के लिए संदेश भी आधा घंटा पहले आया। अब इतने कम समय में सामान पैक करते या फिर खाने पीने का इंतजाम। घर पहुंचकर ठंडी छांव में कुछ समय सुकून से बिता सकेंगे यह विचारकर बिना खाना रखे ही स्टेशन पहुंचे और ट्रेन पकड़ ली।
ठाणे-दरभंगा स्पेशल ट्रेन 22 मई की सुबह कटनी जिले के स्लीमनाबाद स्टेशन में एक घंटे से ज्यादा समय तक खड़ी रही तो परेशान मजदूरों ने हंगामा कर दिया। ट्रेन के इंजन के सामने पटरी पर खड़े होकर प्रदर्शन किया।
मजदूरों ने बताया कि टे्रन के अंदर गर्मी से छोटे बच्चों का हाल बेहाल है। वे उल्टी कर रहे हैं। 20 मई की रात ट्रेन में सफर शुरू करते समय भोजन पैकेट और पानी का बॉटल दिया गया था। इसके बाद से कुछ नहीं मिला। मजदूरों ने कहा क्या रेलवे को मजदूरों की परेशानी का जरा भी ख्याल नहीं है।
डीआरएम जबलपुर संजय विश्वास ने बताया कि इलाहाबाद से लाइन क्लीयर नहीं मिलने के कारण यहां ट्रेनें खड़ी है। सेक्शन में चालीस से ज्यादा ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर खड़ी है। जैसे लाइन मिल रहा है ट्रेनों को निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि ठाणे-दरभंगा स्पेशल ट्रेन में भोजन की व्यवस्था ब्यौहारी स्टेशन में की गई।