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खरीदी केंद्र में सड़ गई सैकड़ों क्विंटल धान, जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही उजागर

locationकटनीPublished: Mar 15, 2019 12:25:34 pm

Submitted by:

balmeek pandey

बकलेहटा धान खरीदी केंद्र का मामला, अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान

Thousands Quintal of Paddy Bad in katni

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कटनी/बडग़ांव. आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बकलेहटा उपार्जन केंद्र क्रमांक 2342 02 51 में टोकन लेकर किसानों ने 2 माह पहले अपनी धान खरीदी केंद्र बकलेहटा में तुलाई थी। इसमें किसानों देवी सिंह, रामप्रसाद, होशियार सिंह शिवचरण, अर्जुन, विश्राम, रामदास, बुद्धू, कल्लू बाई, बद्री प्रसाद, विनोद, घासीराम, सुदामा बाई, सखीबाई, पंचम सिंह, राकेश, गोपी, जिया लाल, सहित दजनों किसानों की कुल बोरियां 3329 वापस करने के लिए बोला गया है। यहां रखी धान खराब हो गई है। गुस्साये किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि कमलनाथ सरकार हम किसानों के ऊपर सरकार और विभाग अत्याचार कर रहे हें। इसका जवाब हम लोकसभा चुनाव में जरूर देंगे। जिसमें रामप्रसाद, बद्री प्रसाद, जियालाल दर्जनों किसानों ने कहा कि अगर सरकार को हमारी धान नहीं लेना था तो 2 महीना तक खरीदी केंद्र में क्यों रखी गई हमारी धान पूरी सड़ गई है। खराब हो गई, है गल गई है। इस दौरान किसानों ने तो आत्महत्या तक की चेतावनी दे डाली। इस संबंध में जब खरीदी केंद्र प्रभारी से बात की तो उन्होंने कहा कि जिला से आदेश मिला की सभी किसानों की धान जो पोर्टल में नहीं चढ़ी है। उनको वापस कर दी जाए। जिससे मैंने लिस्ट अनुसार सभी किसानों को बुलाकर कुल 3329 बोरियां वापस करने की जानकारी दी है। इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। सरकार के द्वारा धान का उठाव ही नही किया जा रहा था तो मैं क्या करता।

यहां भुगतान की भी समस्या
रीठी तहसील अंतर्गत ग्राम बडग़ांव सहित अन्य सरकारी धान खरीदी केंद्रों में खरीदी प्रभारियों की ढीलढाल और बारदाना की कमी के कारण केंद्रों में धान के बेतहाशा ढेर बढ़ते गए। निर्धारित तिथि के समीप होने के बाद भी केन्द्रों में अधिक मात्रा में किसान अपनी उपज बेचने से वंचित रह गए। जिसके कारण प्रशासन की ओर से आनन-फानन में किसानों की धान खरीदने के लिए उन्हें टोकन जारी किए गए थे। लेकिन निर्धारित तिथि तक किसानों की धान नहीं तुल सकी इसके बाद भोपाल से ही करीब दो माह तक पोर्टल लॉक रहा। पोर्टल लाक होने की वजह से किसानों की धान तुलाई हो जाने के बाद भी केन्द्रों में ही रखी। किसानों से खरीदी गई धान पोर्टल पर दर्ज न होने के कारण किसानों का भुगतान भी नहीं किया गया। इसके बाद कुछ दिनों पूर्व ही पोर्टल खुलने पर केन्द्रों में रखी धान संबंधित किसानों के खाते में दर्ज की गई और उक्त धान का परिवहन किया गया। लेकिन क्षेत्र की ही किसान युगलकुमारी पति स्व. भीष्म शाह जूदेव ने बताया कि उन्हें सरकारी धान खरीदी केंद्र बडग़ांव में अपनी धान बेचने के लिए टोकन दिया गया था लेकिन दो माह तक उनकी धान तुलाई हो जाने के बाद भी खाते में दर्ज नहीं की गई जिससे उन्हें बेची गई धान की राशि का भुगतान भी नहीं किया गया। अब जबकि लगभग सभी किसानों की धान उनके खातों में दर्ज की जा चुकी है फिर युगलकुमारी की 925 बोरी धान आज दिनांक तक पोर्टल पर दर्ज नहीं की जा सकी। परेशान किसान ने कलेक्टर को पीड़ा बताते हुए आवेदन सौंपा है। कलेक्टर से शीघ्र ही धान पोर्टल पर दर्ज कराने और बेची गई धान की राशि दिलाने की मांग की है।

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