scriptधान को सुरक्षित करने में अफसर बेपरवाह, सामने आई ये मनमानी | Thousands quintals of paddy insecure Open Cap | Patrika News

धान को सुरक्षित करने में अफसर बेपरवाह, सामने आई ये मनमानी

locationकटनीPublished: Feb 24, 2018 10:18:18 am

Submitted by:

balmeek pandey

नागरिक आपूर्ति निगम की मनमानी, असुरक्षित धान से पहले हो रहा सुरक्षित धान का मिलिंग के लिए परिवहन

Do not carelessly in paddy transport

Do not carelessly in paddy transport

कटनी. किसानों द्वारा खून-पसीना बहाकर तैयार की गई उपज को सुरक्षित व संरिक्षत करने में एक बार फिर जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई है। पहले किसानों को सूखत का बहाना बनाकर एक से डेढ़ किलो प्रति तौल अधिक धान ली गई तो वहीं अब भंडारण के बाद मिलिंग के लिए परिवहन की प्रक्रिया में व्यापक गड़बड़ी की जा रही है। लगातार विभागीय पत्राचार के बाद भी नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा धान को सुरक्षित करने प्रयास नहीं किए जा रहे। मामला ओपन कैप मझगवां का है। जहां पर लगभग ६० हजार मेट्रिक टन धान असुरक्षित है। जानकारी के अनुसार ओपन कैप मझगवां में एमपी वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन की १९४०० मेट्रिक टन धान व राज्य सरकारी विपणन संघ की ४६ हजार टन धान समर्थन मूल्य से खरीदी के बाद भंडारित कराई है। एमपी वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन की धान ५ दिसंबर से परिवहन शुरू हुआ था। इसके बाद विपणन संघ की धान पहुंची थी। नियम के अनुसार सबसे पहले जिस धान का पहले भंडारण हुआ उसे न कर सेट्रल वेयर हाउस व अन्य जगहों व वेयरहाउसों की धान मिलिंग के लिए परिदान की जा रही है।

जिले में धान खरीदी को लेकर खास-खासन
– समर्थन मूल्य पर १८ हजार ४६४ किसानों ने बेची हैं धान।
– १५ लाख ३५ हजार ३४०.३२ क्विंटल खरीदी गई है धान।
– २ अरब ३७ करोड़, ९७ लाख ७७४९६ का होना था भुगतान।
– २३३ करोड़ १५ लाख रुपए का किया गया है भुगतान।
– एक हजार से अधिक किसान भुगतान के लिए परेशान।

 

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कई बार हो चुका है पत्राचार
मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन की इस मनमानी को लेकर जिला आपूर्ति अधिकारी, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, मप्र स्टेट सिसिल सप्लाई कार्पोरेशन क्षेत्रीय प्रबंधक, महाप्रबंधक मप्र वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन सहित खेत्रीय प्रबंधक को पत्राचार कर अवगत कराया जा चुका है। इसमें बताया गया है कि मझगवां ओपन कैप में संग्रहित धान की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। २२ स्टॉक में कैप कव्हर भी उपलब्ध नहीं हैं। इससे बारिश व धूप में सूखत बढ़ रही है। निगम के कैप में फीफो के अनुसार पहले एसडब्ल्यूसी का परिदान बनता है। इसके लिए प्राथमिकता से मिलर्स की मैपिंग करते हुए धान का परिवहन कराने मांग की गई, लेकिन इस दिशा में नान द्वारा कोई विशेष पहल नहीं की जा रही।

इनका कहना है
कुछ समय बाद गेहूं की आवक शुरू हो जाएगा, इसलिए पहले वेयर हाउस खाली कराए जाने को लेकर वहां के धान का मिलिंग के लिए परिवहन हो रहा है। मझगवां कैप से भी धान उठवाई जा चुकी है। शीघ्र ही और धान का उठाव ओपन कैप से होगा।
संजय सिंह, प्रबंधक नान।

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