scriptचालीस साल से जर्जर पुल पर हो रहा आवागमन | Traffic has been happening on a dilapidated bridge for forty years | Patrika News

चालीस साल से जर्जर पुल पर हो रहा आवागमन

locationकटनीPublished: Oct 08, 2019 10:26:42 pm

नागरिक कह रहे अच्छा है अंग्रेज बनवा गए थे पुल, आज की तरह व्यवस्था होती तो न जाने क्या होता

Information board indicating prohibition of entry of more than ten tonne vehicles on Katni river bridge.

कटनी नदी पुल पर दस टन से ज्यादा लोड वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित दर्शाता सूचना बोर्ड।

कटनी. एक पुल जिसे 1978 में अनुपयोगी घोषित कर भारी वाहनों का प्रवेश रोकने के निर्देश जारी हुए। जानकर ताज्जुब होगा कि चालीस साल पहले जिस पुल को जर्जर घोषित कर कभी भी गिर जाने का अंदेशा जताया गया। उसके विकल्प के तौर पर नए पुल का निर्माण अब तक नहीं हो सका। आमजनों से जुड़ी व्यवस्थाओं को बनाए रखने से लेकर उनके रखरखाव पर नजर रखने वाले जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बेपरवाही का सबसे बड़ा उहादरण कटनी नदी पुल बन गया है।
अंग्रेजों के शासनकाल में बनी पुल को जर्जर घोषित किए जाने के बाद नवीन पुल का निर्माण 2008 में शुरु भी किया, लेकिन 11 साल बाद भी उस पुल का निर्माण पूरा नहीं हुआ। ब्रिज कार्पोरेशन विभाग के अधिकारियों के देखरेख में हो रहे निर्माण में लापरवाही पर कई इंजीनियरों पर गाज भी गिरी, लेकिन व्यवस्था पटरी पर नहीं आई।
कलेक्टर इस मामले को शासन स्तर पर चलने की बात कह रहे हैं। शहर के विधायक कह रहे हैं कि निर्माण से जुड़े इंजीनियर को निलंबित बताकर तकनीकी प्रक्रिया चलने की बात कह रहे हैं। इन सबके बीच शहर के नागरिकों का कहना है कि अच्छा था कि अंग्रेज एक पुल बनाकर चले गए थे, आज की तरह की व्यवस्था में न जाने क्या होता।
कटनी नदी पर निर्माणाधीन पुल को लेकर शहर के विधायक संदीप जायसवाल बताते हैं कि शहर में नागरिकों की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए कटनी नदी में पुल का निर्माण बेहद जरुरी है। ब्रिज कार्पोरेशन विभाग के अधिकारियों को इस मामले में समय रहते जरुरी कार्रवाई करनी चाहिए। पुराने पुल के जर्जर होने और नवीन पुल निर्माण में लापरवाही पर अधिकारी काम देखने वाले इंजीनियरों के सस्पेंड होने और तकनीकी समीक्षा की बात कह रहे हैं।
वहीं कटनी कलेक्टर एसबी सिंह का कहना है कि पुल निर्माण को लेकर शासन स्तर पर कार्रवाई चल रही है। जो भी निर्णय होगा शासन स्तर पर ही होगा।
खास-खास
– 25 जुलाई 2019 की शाम कटनी नदी पर निर्माणाधीन पुल का स्लैब अचानक धसक गया। जांच के लिए 26 जुलाई को भोपाल से अधिकारियों की टीम पहुंची। प्रारंभिक जांच में अधिकारियों ने निर्माण में लापरवाही को स्लैब धंसकने का कारण बताया।
– कटनी नदी पर 2008 में पुल निर्माण की स्वीकृति मिली। 15 जून 2014 तक पुल निर्माण पूरा होने की बात की गई। ड्राइंग डिजाइन फाइनल होने में ही चार साल से ज्यादा समय लग गया। 26 सितंबर 2013 से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।
– 2017 में काम शुरू हुआ। कुछ दिन तक रुक-रुक कर काम चलता रहा। ठेकेदार ने पिलर पर ढलाई के लिए सेंटिंग लगाई और निकाल लिया।
– पुल निर्माण के लिए मुआवजा राशि सहित 13 करोड़ 69 लाख 86 हजार रुपये जारी किए थे। सेतु निगम ने रीवा की फर्म रामसज्जन शुक्ला की निविदा स्वीकार कर कार्यादेश जारी किया था।
– पुल निर्माण में लगातार लेटलतीफी और बेपरवाही पर ठेकेदार रामसज्जन शुक्ला को पहले तीन बार ब्लैक लिस्टेड किया गया। 4 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान ठेकेदार को किया गया।
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