यह है हालात
शहर में 280 से अधिक बड़े कारोबारी हैं। इसके चलते शहर में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। बता दें कि पहले चरण में नगर निगम 114 लोगों को शिफ्ट करने योजना बनाई है। इनमें से 102 कारोबारियों की रजिस्ट्री आदि की प्रक्रिया हो गई है और 40 नक्शे भी पास कर दिए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन निर्माण नहीं हो रहे। जबतक निर्माण नहीं होंगे, तबतक व्यापारी शिफ्ट नहीं होंगे। बता दें कि 1981 में ट्रांसपोर्ट नगर बसाने योजना बनी, इसको 41 साल बीत गए हैं, लेकिन एक भी व्यापारी अबतक शिफ्ट नहीं किया गया।
व्यापारी नगर निगम पर फोड़ रहे ठीकरा
अभी भी ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्टिंग में देरी को लेकर व्यापारी कह रहे हैं कि नगर निगम का रवैया पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। अभी 46 नक्शे ही पास हुए हैं। शहर में हर दिन जाम जैसी स्थिति रहती है, ट्रांसपोर्ट नगर जल्द शिफ्ट हो इसको लेकर न तो नगर निगम के अफसर और ना ही जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे। व्यापारियों को भी शहर की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। विकास दुबे ने कहा कि शहर को व्यवस्थत करने के लिए व यातायात समस्या से निजात दिलाने के लिए विशेष पहल कर प्रेरित करना होगा। जो नक्शे अभी पास नहीं हुए हैं, उनको पास किया जाए। मीटिंग बुलाकर व्यापारियों को प्रेरित करें। सामंजस्य बनाकर इस योजना को अमलीजामा पहनाया शहरहित में बेहद आवश्यक है।
खास-खास बातें
– पुरैनी में 20 हेक्टेयर भूमि 1983-84 में की गई आरक्षित, प्रीमियम एवं वार्षिक रेंट जमा करने की शर्त पर पर नगर निगम कटनी को अग्रिम अधिपत्य में दिए जाने का हुआ आदेश।
– 1995 में 267 ट्रांसपोर्टरों से जमीन के भू-भाग के व डेव्हल्पमेंट कास्ट के प्रथम किस्त के रूप में 20 लाख रुपए हुए थे जमा, वर्ष 2001 में चैक वापसी की हुई थी प्रक्रिया।
– ट्रांसपोर्ट नगर योजना की स्वीकृति मिनीस्ट्री ऑफ अरबन डेव्हल्पमेंट गर्वमेंट ऑफ इंडिया द्वारा पत्र क्रमांक 14011/8/81/3ए 28 फरवरी 1981 को मिली।
– 6 सितंबर 2006 को भोपाल में ट्रांसपोर्ट ऐसोसिएशन के पदाधिकारी, तत्कालीन महापौर, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन व नगरीय प्रशासन की उपस्थिति में हुआ निर्णय।
– ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए मध्यप्रदेश शासन नगर प्रशासन एवं विकास विभाग का 29 सितंबर 2010 को फिर हुआ आदेश, ट्रांसपोर्ट नगर बनाने बनी सहमति।
इनका कहना है
जिन ट्रांसपोर्टरों ने भूखंड लेकर नक्शा पास नहीं करा रहे हैं, उन सभी को नोटिस जारी किया गया है। शीघ्र यदि वे मानचित्र स्वीकृत कराकर निर्माण शुरू नहीं करते हैं तो रजिस्ट्रियां कैंसिल करेंगे। आचार संहिता खत्म होते ही ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट करने प्रभावी पहल की जाएगी।
सत्येंद्र धाकरे, आयुक्त नगर निगम।