कटनी

मुर्गीपालन ने बनाया आत्मनिर्भर, सात गांव की दो सौ आदिवासी महिलाओं ने बढ़ाई आमदनी

विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष.

कटनीAug 09, 2020 / 10:48 am

raghavendra chaturvedi

आदिवासी महिलाओं को मुर्गीपालन से जोडऩे के लिए मनरेगा और एनआरएलएम योजना से एक लाख चालीस हजार रूपये से पोल्ट्रीफार्म शेड बनाकर दिया गया.

कटनी. ढीमरखेड़ा विकासखंड के कोकोडबरा, भलवारा, देहरी, झिर्री, कोठी के ग्राम उचेहरा, आमझाल व भदनपुर भद्दी की आदिवासी महिलाओं की मुर्गीपालन ने तकदीर बदल दी। दो साल पहले तत्कॉलीन कलेक्टर केवीएस चौधरी ने सात गांव की आदिवासी महिलाओं को मुर्गीपालन से जोडऩे के लिए मनरेगा और एनआरएलएम योजना से एक लाख चालीस हजार रूपये से पोल्ट्रीफार्म शेड बनाकर दिया।

चूजे एवं मुर्गी दाना सहित अन्य देखभाल के लिए महिलाओं का समूह गठित करवाया। मुर्गीपालन के बाद विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध करवाया गया और रखरखाव का प्रशिक्षण दिया गया।

सात गांव की दो सौ आदिवासी महिलाओं ने बढ़ाई आमदनी IMAGE CREDIT:

अब दो सौ से ज्यादा महिलाएं मुर्गी पालन का व्यवसाय संचालित कर रही हैं। बढ़ती संख्या को देखते हुए 60 पोल्ट्री फॉर्म शेड के निर्माण का कार्य चल रहा है। मुर्गीपालन शेड निर्माण की निगरानी कर रहे इंजीनियर सुशील साहू बताते हैं कि पोल्ट्री फॉर्म के संचालन और उससे होने वाली आय से इन महिलाओं के जीवनस्तर में काफी सुधार हुआ है। मुर्गीपालन से होने वाली आय को देखते हुए आसपास गांव की महिलाएं भी मुर्गीपालन से जुड़ रही हैं।

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