scriptइसे क्या माना जाए, दो वेंटीलेटर चालू करने चार माह में टेक्नीशियन का इंतजाम नहीं कर सके जिम्मेदार | two ventilators starting could not arrangement technician | Patrika News

इसे क्या माना जाए, दो वेंटीलेटर चालू करने चार माह में टेक्नीशियन का इंतजाम नहीं कर सके जिम्मेदार

locationकटनीPublished: May 11, 2021 10:07:10 am

जानकार बोले निजी अस्पताल से टेक्नीशियन बुलाकर किया जा सकता है चालू, सिविल सर्जन ने कहा-भोपाल से चल रहा पत्राचार.
– ऑक्सीजन लेबल कम होने पर बढ़ जाती है एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की भूमिका, वेंटीलेटर मशीन की पड़ती है जरूरत.

ventilators

45 ventilators in hospitals, situation will be difficult to control in bhilwara

कटनी. जिला अस्पताल में पीएम केयर फंड से मिली दो वेंटीलेटर चार माह पहले से आकर रखे हैं। वेंटीलेटर मशीन चालू करने के लिए अब तक टेक्नीशियन का इंतजाम नहीं किया जा सका। यह स्थिति तब है जब जिलेभर में डेढ़ माह से ज्यादा समय से प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों के एक्टिव केस की संख्या एक हजार से अधिक रही है। इनमें कई बार गंभीर स्थिति निर्मित होने पर मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी तो वेंटीलेटर मशीन के खाली नहीं होने की समस्या भी सामने आ चुकी है।

जानकर ताज्जुब होगा कि इन सबके बाद भी जिला अस्पताल में दो नई वेंटीलेटर मशीन को समय रहते चालू करने में जिम्मेदार बेपरवाह रहे। वेंटीलेटर को इंस्टाल करवाने का प्रयास पत्राचार तक सीमित रहा। वेंटीलेटर चालू करवाने के लिए चार माह से चल रही पत्राचार की प्रक्रिया के बीच जिला अस्पताल के ही कुछ चिकित्सक बताते हैं कि निजी अस्पताल से टेक्नीशियन बुलाकर मशीन चालू किया जा सकता है। यह अलग बात है कि अस्पताल के जिम्मेदार सरकारी व्यवस्था की तरह पत्र लिख कर जिम्मेदार से पल्ला झाड़ ले रहे हैं।

कोविड-19 संक्रमण का इलाज कर रहे चिकित्सक बताते हैं कि कोविड संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन लेबल जब सामान्य से ज्यादा कम होने लगता है तब मेडिसिन के डॉक्टरों से एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की भूमिका बढ़ जाती है। अस्पताल में एनेस्थीसिया के चार चिकित्सक हैं। ऐसे में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज में इन चिकित्सकों की भूमिका भी तय की जानी चाहिए।

आइसीयू में कोविड-19 संक्रमण का इलाज करवा रहे मरीजों की मानें तो यहां एनेस्थीसिया के डॉक्टर संजय शिवहरे के कंधों पर ही मरीजों के इलाज का दारोमदार है। डॉक्टर शिवहरे ने बताया कि कोविड-19 के गंभीर संक्रमितों के इलाज के दौरान पूरी कोशिश रहती है कि जरूरतमंद को समय पर वेंटीलेटर की व्यवस्था की जा सके। जानकार बताते हैं कि जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया के चार डॉक्टर हैं। इसमें डॉ. मनोरमा गुप्ता, राजीव द्विवेदी, नरेंद्र झामनानी और उमा भावना शामिल हैं। बताया जा रहा है कि उमा भावना एस्मा लगने के बाद भी अवकाश पर हैं। अन्य चिकित्सकों से भी कोविड-19 संक्रमितों के इलाज में सक्रिय भागीदारी निभाने की मांग की जाती रही है।

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा बताते हैं कि जिला अस्पताल में 7 वेटीलेटर चालू है। पीएम केयर फंड के दो वेंटीलेटर चालू करवाने के लिए भोपाल पत्र लिखे हैं। प्रयास किया जा रहा है कि वेंटीलेटर जल्द से जल्द चालू हो जाएं।

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