वन विभाग कटनी के डीएफओ आरसी विश्वकर्मा बताते हैं कि उज्जवला योजना का प्रभाव अप्रत्यक्ष रूप से वनों के संरक्षण पर पड़ा है। ज्यादातर लोग गैस से भोजन पकाना पसंद करते हैं। शहडार के जंगलों में घनत्व ज्यादा है, हांलाकि कुछ कटाई हुई है। कटनी शहर के आसपास तो वनों में हरियाली बढ़ी है। 15 से 20 साल पेड़ बताते हैं कि वनों की कटाई कम हुई है।
सस्ती गैस से ऐसे समझें पर्यावरण में लाभ का गणित – मझगवां, कन्हवारा, कैलवारा, लखापतेरी, जुगियाकाप। जिला मुख्यालय के आसपास के ऐसे जंगल हैं जो कभी उजाड़ हो गए थे। यहां वर्तमान मे हरियाली है तो इन वनों में पेड़ भी अधिकतम 15 साल पुराने हैं। वर्तमान में ये अच्छे वनों में तब्दील हो रहे हैं। इनका घनत्व .4 है तो यहां अवैध वन कटाई के ठूठ भी नहीं दिखते। वन विभाग के अधिकारी भी इसके पीछे ईंधन जरूरतों की पूर्ति में घरेलू गैस सिलेंडर के शामिल होने का प्रमुख कारण मान रहे हैं।
गैस सिलेंडर के मंहगी होने से ऐसे आया उपयोग में अंतर
– 20 प्रतिशत कम हो गई नियमित गैस रिफलिंग करवाने वालों की संख्या.
– 30 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो कम से कम उपयोग करने लगे.
– 30 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो गैस से खाना के बजाए अब नाश्ता ही बनाते हैं.
– 20 प्रतिशत लोगों ने गैस का उपयोग बंद कर लकड़ी का उपयोग करने लगे.
20 माह में ऐसे बढ़ी घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत
– 605.00 मई 2020
– 623.50 जून 2020
– 723.00 दिसंबर 2020
– 797.00 फरवरी 2021
– 847.00 मार्च 2021
– 862.50 जुलाई 2021
– 887.50 अगस्त 2021
– 912.50 सितंबर 2021
– 927.50 अक्टूबर 2021