इस शहर के सब्जी कारोबारियों को भा रहा अव्यवस्था के बीच कारोबार
60 लाख से दी गई सुविधा नापसंद
प्रशासन भी इनके आगे नतमस्तक

कटनी। शहर के यातायात को दुरुस्त करने और सडक़ पर सब्जी की दुकान लगाने वालों को एक स्थान पर बैठाने नगर निगम ने 60 लाख की लागत से पुराने बस स्टैंड के पास शेड का निर्माण कराया था। शुरुआत में नगर निगम ने सख्ती दिखाते हुए विक्रेताओं को शेड के चबूतरों में ही व्यापार करने बैठाया था।
वर्तमान में स्थिति यह है कि लाखों के शेड में मुश्किल से 16 व्यापारी भी नहीं बैठ रहे हैं और शहर की सडक़ें आज भी दोपहर बाद से सब्जी बाजार में तब्दील हो जाती हैं। सब्जी विक्रेताओं को सडक़ से हटाने में सबसे बड़ी परेशानी उनको स्थान देने की आती थी। इसके चलते एक साल पूर्व कलेक्टर ने खनिज मद से शेड निर्माण के लिए लगभग 60 लाख रुपये दिए थे। इसमें नगर निगम ने शेड के साथ ही एक सैकड़ा से अधिक व्यापारियों के बैठने के लिए चबूतरे बनाए हैं और बाकायदा शौचालय आदि की भी व्यवस्था कराई है। कुछ विक्रेताओं के मेन रोड में दुकान लगाने के चलते बाकी लोग भी धीरे-धीरे वापस शेड छोडकऱ सडक़ों पर ही सब्जी बेच रहे हैं।
सुबह करते हैं कार्रवाई
सब्जी बेचने वालों के खिलाफ नगर निगम का अमला सुबह के समय कार्रवाई करता है। उस दौरान सुभाष चौक व झंडाबाजार रोड में कुछ विक्रेता बैठते हैं, जो कार्रवाई होते ही कुछ देर को दुकान समेट लेते हैं। अमले की जाते ही फिर सडक़ों पर दुकानें नजर आने लगती हैं। दोपहर को दमोह की ओर से आने वाले विक्रेता अस्पताल रोड, कचहरी चौराहा में सडक़ किनारे कब्जा जमा लेते हैं।
इन स्थानों पर लग रही दुकानें
शेड को छोडकऱ विक्रेता अस्पताल रोड, कचहरी चौक मार्ग, कोतवाली तिराहा, सुभाष चौक, झंडाबाजार, गोलबाजार, शेर चौक सहित अन्य स्थानों पर दुकानें लगा रहे हैं। शाम से लेकर देर रात तक दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर से लेकर सुभाष चौक तक दोनों ओर सब्जी की दुकानें लग जाती हैं और मार्ग से पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है।
इनका कहना है -अमले द्वारा सडक़ पर सब्जी बेचने वालों को शेड में भेजने की कार्रवाई की जाती है। उसके बाद भी विक्रेता यदि सडक़ों पर ही विक्रय कर रहे हैं तो उन्हें निर्धारित स्थान पर ही व्यापार करने सख्ती से भेजा जाएगा ताकि शहर का यातायात व्यवस्थित रहे। -आरपी सिंह, आयुक्त, नगर निगम
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