इसकी शिकायत कई बार तहसीलदार से लेकर कलेक्टर और टीआइ से लेकर एसपी तक से की गई, लेकिन अवैध खनन का सिलसिला थम नहीं रहा है। 20 जनवरी को अनशन पर बैठे शीतल पटेल (77), कोदू लाल (60), झल्लू लाल (70) और सहयोगी लल्ली पटेल, मोहन सिंह, गरीब दास, मिलभान सिंह, राजेंद्र प्रसाद, दयाली साहू, उजीन सिंह, ओंकार सिंह और गोरेलाल ने बताया कि नदी पर रेत का अवैध खनन रुकने तक अनशन जारी रहेगा।
इधर अवैध खनन को लेकर 21 जनवरी को पत्रिका में प्रमुखता से खबर प्रकाशन के साथ ही अधिकारी गांव पहुंचे। एसडीएम विजयराघवगढ़ प्रिया चंद्रावत, थाना प्रभारी बरही राजेश द्विवेदी और खनिज विभाग के निरीक्षक शैलेंद्र मिश्रा, अशोक मिश्रा व महेश नागपुरे सहित अन्य अधिकारियों ने अनशन पर बैठे ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने बताया कि ताली रोहनिया रेत खदान का ठेका पंचायत को मिला है। सरपंच रात में मशीन लगवाकर खनन करवा रहा है। ओवरलोड परिवहन के कारण गांव की सड़कें खराब हो गई है। इस पर अधिकारियों ने आगे ऐसा नहीं होने की बात कही। अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने अनशन समाप्त किया।
अनशन में बैठे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बड़वारा क्षेत्र के बहिरघटा और कुम्हरवारा में खुलेआम मशीन लगाकर रेत का अवैध किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां रात में मशीन से खनन के बाद निश्चित स्थान पर भंडारण किया जा रहा है। प्रतिदिन डेढ़ से दो सौ ट्रक रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कुम्हरवारा रेत खदान विभाग से पंचायत को आबंटित है, लेकिन ठेकेदार द्वारा यहां मनमाना खनन करवाया जा रहा है।
जिले में रेत भंडारण के लिए किसी को भी अनुमति जारी नहीं हुई है। आरोप है कि रेत माफिया द्वारा जगह-जगह मनमान रेत का भंडारण किया जा रहा है। इस पर जानकारी के बाद भी जिम्मेंदार विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।