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शहर और गांव के बीच बढ़ रहीं दूरियोंं को पाटने, प्रेम की भावना जागृत करने सात राज्यों के युवाओं ने किया मंथन

locationकटनीPublished: Sep 11, 2018 11:54:50 am

Submitted by:

balmeek pandey

बिजौरी में गो रूर्बन कैम्प का कटनी में हुआ शुभारंभ, विनोबा जयंती के उपलक्ष्य में कैम्प में विशिष्ट संगोष्ठी का आयोजन

Villages and enriching the poor in seven states youth Analysis

Villages and enriching the poor in seven states youth Analysis

कटनी. आंखों में उम्मीद है , उम्मीदों के हाथ युवा, नई दिशा सी आयी है दिशा के कई नाम युवा, अभी अभी एक लौ जली है, दिखाई पड़ी है रौशनी, अभी-अभी युवा है आया बात हुई है विकास की…। इस नारे के साथ बड़वारा क्षेत्र के ग्राम बिजौरी स्थित मानव जीवन विकास समिति में सात राज्यों के युवाओं का समागम हुआ है। यहां पर शहर और गांव के बीच बढ़ रही दूरी को पाटने, युवाओं में आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास करने, भूमिहीनों की समस्या को कम करने और आपसी प्रेम भावना को विकसित करने को लेकर मंथन चल रहा है। कुछ इन्हीं बातों के साथ सोमवार से कटनी में गो रूर्बन कैम्प शुरू हुआ। इस कैम्प में देश भर से कुल 26 युवा सम्मिलित हुए हैं। कैंप का उद्देश्य शहरी युवाओं को जन आंदोलनों से जोडऩा है और भूमिहीनों के संघर्ष में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना है। जिससे की देशभर के युवाओं में भूमिहीनों के प्रति जागरूकता और प्यार की भावना जागृत की जा सके।

ऐसे शुरू हुआ कैंप
कैम्प की शुरुआत प्रार्थना और श्रमदान से शुरू हुई। इसके बाद देश के विभिन्न स्थानों से आये युवाओं को गो रूर्बन की टीम ने गांव की समस्याओं एवं मुद्दों से अवगत कराया। गो रूर्बन का उद्देश्य शहर और गांव के बीच बढ़ रही दूरियों को कम करना एवं गांव और शहर के बीच समानता का भाव जाग्रत करना है। मानव जीवन विकास समिति के सचिव निर्भय सिंह ने कहा कि देश को वर्तमान समय में जरूरत है की युवा आगे आएं और भूमिहीन किसानों एवं आदिवासियों को उनका हक दिलाने में सहयोग करें। जिससे की गांव और शहर में एकजुटता लाई जा सके।

युवाओं की बढ़े हिस्सेदारी
फरीदाबाद से आईं बबीता सिंह का मानना है की युवाओं को इन कैंपों के जरिये प्रेरित किया जाए जिससे कि विकास में व लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके। वहीं जबलपुर से आये क्षितिज तिवारी कहते हैं की युवाओं के लिए बहुत जरूरी है कि वो अपने आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास के लिए अपनी जड़ों को जानने की कोशिश करें जिसका एक बहुत आसान रास्ता हमारे गांव से होकर निकलता है इस रास्ते पर चलते हुए वे अपने साथ साथ अपनी ग्रामीण संस्कृति ग्रहण करते हुए अपने सोपानों को प्राप्त करें।

यहां पर यह भी हुआ आयोजन
बड़वारा/कटनी. बड़वारा ब्लॉक की सभी पंचायतों मे राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम अभियान के रूप मे चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम पूरे सितम्बर महीने चलेगा। इस क्षेत्र में काम कर रही संस्था व संगठन भी सक्रियता इस अभियान को सफल बनाने मे भूमिका निभा रही है। मानव जीवन विकास समिति कार्यकर्ता रामकिशोर ने बताया कि तिरंगा फूड से भी मिल सकती है कामयाबी। यानि की तीन रंग के खाने से बच्चों को तुंदुरूस्त बनाया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, महिला पंच, सरपंच, उपसरपंच, स्वसहायता समूह के सदस्य आदि की मदद से गांव गांव में राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। गांव के नौनिहाल बच्चों को कुपोषण से बचने तिरंगा फूड का भी प्रचार प्रसार किया जा रहा है। पोषण जागरूकता कार्यक्रम में 1 सितम्बर को रैली कार्यक्रम के माध्यम से शुरूआत किया गया। इसी परिप्रेक्ष्य मे मंगल दिवस मे गोद भराई, गर्भावस्था मे देखभाल आदि की भी जानकारी दी गई। व्यंजन प्रदर्शन के माध्यम से कुपोषण के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। व्यंजन प्रदर्शन मे लोकल फूड तिरंगा का उपयोग करने प्रेरित किया गया। जागृति पंचायत महिला जनप्रतिनिधि संगठन सदस्यों ने बताया तिरंगा फूड की उपयोगी पदार्थ बताए।
सफेद खाद्य पदार्थ है- आटा, चावल, आलू, अण्डा, मक्का, मशरूम, कंद मूल, काजू, नमक इससे कार्बोहाईड्रेट मिलता है।
केसरिया खाद्य पदार्थ है- मसूर, चना, अरहर, कुलथी, दाल, कुम्हड़ा आदि यह शरीर को प्रोटीन व ऊर्जा देता है।
हरा रंग खाद्य पदार्थ है- हरि सब्जियां, साग, पत्ते, फल, कद्दू, मुनगा, कुंदरू, महुआ फूल, कटहल, करेला, पालक, पपीता, केला, अमरूद आदि इससे शरीर को विटामिन मिलता है।

महिला सरपंच और पंच सक्रिय
महिला पंच सरपंच चुनाव जीतने के बाद से ही अपने अपने वार्ड, गांव व पंचायत को कुपोषण मुक्त बनाने का प्रयास कर रही है। नियमित निगरानी से आंगनवाड़ी केन्द्रों से कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केन्द्र भेज कर वापस आने के बाद नियमित फॉलोअप भी जनप्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है। जनप्रतिनिधियों के द्वारा गर्भवती धात्री माताओं व बच्चों को पोषण आहार लेने, पूरे टीकाकरण लगवाने, समय समय पर जांच व वजन कराने आदि की सलाह भी दी जा रही है।

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