-अचानक खांसी आना और ठीक न होना।
-स्तनपान में कठिनाई।
-तेज-तेज संास चलना।
-सांस तेज चलने के साथ बुखार, सुस्ती आना।
संक्रमण से ऐसे बचे
-वायरल बुखार का संक्रमण हवा में रहता है।
-पीडि़त को छींक, खांसी में मुंह ढंकना चाहिए।
-मरीज को भीड़-भाड़ वाले वायरस स्थान पर नहीं जाने देना चाहिए।
-फुल आस्तीन वाले कपड़े पहनना चाहिए।
-घर के आसपास गंदगी न हो।
-मच्छरदानी लगाकर सोएं।
-बाहरी लोगों से बच्चों को दूर रखें।
इनसे भी बचे
वायरस बुखार -इंफ्लूएंजा या पैर-इंफ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। वायरस सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करता है।
लक्षण-गले में खराश, जुकाम, मिताली आना, थकावट, हरारत महसूस होना और बुखार रहना।
डेंगू बुखार-संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर आमतौर पर दिन में काटता है।
लक्षण-तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और शरीर पर चकते। प्लेटलेट्स में गिरावट।
मलेरिया-प्लास्मोडियम विवैक्स नामक वायरल के कारण होता है। संक्रमित मादा मच्छर के काटने से बुखार आता है।
लक्षण-ठंड लगना, बुखार, पसीना निकलना, सिरदर्द और लीवर नुकसान।