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NSUI कार्यकर्ताओं पर Water canon की बौछार

locationकटनीPublished: Feb 11, 2021 03:06:04 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-बेरोजगारी के खिलाफ NSUI कार्यकर्ता चला रहे देश व्यापी अभियान

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन की बौछार

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन की बौछार

कटनी. बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलनरत NSUI कार्यकर्ताओं पर Water canon की बौछार कर उन्हें तितर-बितर किया गया। इससे पहले कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला। वो एसडीएम कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे, तभी भारी पुलिस बल ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक भी हुई। इससे भी बात बनती न देख पुलिस ने उन पर Water canon की बौछार की। फिर सभी को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले जाया गया। हालांकि बाद में निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
हालांकि गिरफ्तारी से पूर्व सैकडों की संख्या में एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं और छात्रों ने ‘नौकरी दो या डिग्री वापस लो’ की मांग करते हुए एसडीएम कार्यालय का घेराव कर उग्र प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं और छात्रों ने गणेश चौक से रैली निकाली। वो हाथों में डिग्री व तख़्तियां लिए थे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। वो लगातार केंद्र सरकार की युवा विरोधी नीति को बढ़ती बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे।
इस मौके पर एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा की प्रधानमंत्री ने युवाओं को 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन 12 करोड़ युवाओं को नौकरी से निकाल दिया गया। केंद्र सरकार के बजट में शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अनदेखी की गई। इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज की फीस कई गुना बढ़ा दी गई, जिससे गरीब होनहार युवाओं को अच्छी शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। लोन लेकर युवा डिग्री तो हासिल कर लेता है, लेकिन युवाओं को नौकरी का वादा देकर सरकार बनाने वाली मोदी सरकार रोजगार देने में पूरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि सरकार के खिलाफ नौकरी के लिए युद्ध का शंखनाद एनएसयूआइ ने कटनी से कर दिया है और ये आंदोलन तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपना वादा पूरा नही कर देती।
मध्यप्रदेश एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक विपिन वानखेड़े ने कहा कि रेलवे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र से 50 हजार नौकरियां कम कर दी गई। लॉकडाउन के कारण कॉलेजों में कैम्पस सेलेक्शन नहीं हुआ जिससे बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं के लिए कोई नीति तैयार नहीं की जिसका परिणाम है कि आंदोलन के जरिए युवा अपना हक मांगने को खड़ा हुआ है। उसे या तो नौकरी देनी पड़ेगी या तो उसकी डिग्री सरकार को वापस लेनी पड़ेगी। उस युवा की मेहनत और उसके माता-पिता के अधूरे सपनों की कीमत आगामी आने वाले चुनावों में भाजपा को चुकानी होगी।
बता दें कि एनएसयूआई देश भर में शिक्षित युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ केंद्र की भाजपा सरकार के विरोध में ‘नौकरी दो या डिग्री वापस लो’ की मुहिम चला रही है। प्रदेश में सर्वप्रथम कटनी जिले से इस आंदोलन का आगाज एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के नेतृत्व में मप्र एनएसयूआइ के अध्यक्ष व नवनिर्वचित आगर विधायक विपिन वानखेड़े और मध्यप्रदेश एनएसयूआई के प्रभारी नितिश गौड़ के मार्गदर्शन में एनएसयूआई के राष्ट्रीय समन्वयक दिव्यंशू अंशु मिश्रा द्वारा किया गया।
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