डब्ल्यूसीआरएमएस ने किया जनचेतना सप्ताह का आयोजन
रेलवे में बढ़ते निजीकरण, श्रम कानून में बदलाव, कर्मचारी विरोधी फैसले सहित विभिन्न मुद्दों को डब्ल्यूसीआरएमएस द्वारा जन चेतना सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। एसएन शुक्ल मण्डल अध्यक्ष, मंडल सचिव डीपी अग्रवाल के द्वारा जबलपुर मंडल के कटनी, एनकेजे परिक्षेत्र में कर्मचारियों को जनचेतना के लिए कई कार्यक्रम किए गए। 1 अक्टूबर को टीआरएस एनकेजे में कर्मचारियों से मिला मिलकर यूनिट 17 के कर्मचारियों से मिला भेंट की। 2 अक्टूबर को आरोएच शेड एनकेजे में कर्मचारियों को निजीकरण के होने वाले नुकसान के बारे मे कर्मचारियों को बताया गया। शनिवार को रेलवे अस्पताल नकज मे सभी उपस्थित कर्मचारियों सहित उनके वार्ड को कोविड-19 के बचाव के बारे मे जागरुक करने के साथ मास्क का वितरण किया गया। इस दौरान एसएन शुक्ला, केसी रजक, अशोक कुमार पाठक, अनूप तिवारी, संतोष यादव, अफसर हुसैन, रमेश यादव, पीके दास, रवि कुमार आदि मौजूद रहे।
रेलवे नहीं रहेगी लाइफ लाइन, गरीबों-किसानों से की जा रही दूर
वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ द्वारा रेलवे के निजीकरण और लगातार बदले जा रहे नियमों का विरोध किया जा रहा है। एसएन शुक्ला मंडल अध्यक्ष ने कहा कि वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ द्वारा एक अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक जनचेतना सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। रेलवे के निजीकरण, स्टेशन मास्टर, प्वाइंट्समैन की ड्यूटी 8 से 12 घंटे करना, डीआर को सीज करना, बोन का एनाउंसमेंट न करना, सीएनडब्ल्यू डिपो में डीएमइ के एसएएसइ व जेइ को प्रताडि़त करना, रेलव क्वार्टरों का समय पर रिपेयर न करना, दबाव बनाकर कर्मचारियों से काम कराने के विरोध में यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। कर्मचारी व रेलवे के यूजर्स को यह बताया जा रहा है कि रेलवे का निजीकरण करना देशहित में नहीं होगा। एसएन शुक्ला ने कहा कि यह निर्णय गलत है। देश के 100 स्टेशन में यूजर्स से टैक्स लिया जाएगा। छोटे-छोटे स्टेशनों को बेचकर निजीकरण के नाम पर वेलफेयर अब नहीं रह गया। एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की बात कही जा रही है। ऐसे में एयरपोर्ट की तर्ज पर एक लीटर पानी 50 रुपये में स्टेशनों में मिलेगा। इससे किसान, मजदूर वर्ग के लिए यह लाइफ लाइन नहीं रहेगा। उसे भी दूर किया जा रहा है। विरोध में युवाओं द्वारा रैली निकाली गई। कटनी शाखा अध्यक्ष केसी रजक ने कहा कि सभी को विचार करना होगा कि जिसे सरकार को हम चुनते हैं उनका काम है कि उपक्रमों को बढ़ाएं न कि छीनें। यहां पर हर आदमी पैसों वाला नहीं है। देश में मध्यम वर्ग, गरीब और किसान अधिक रहते हैं। हर जगह निजीकरण सही नहीं है। लोगों के पास नौकरी होगी तभी देश चल पाएगा। लगातार विरोध जारी रहेगा। इस दौरान शोक कुमार पाठक, अनूप तिवारी, संतोष यादव, अफसर हुसैन, रमेश यादव, पीके दास, रवि कुमार आदि मौजूद रहे।