उन्होंने कहा कि वास्तव में प्रदेश सरकार ने आपदा प्रंबधन का करोड़ों रूपया ट्रांसफर उद्योग के भत्तों तथा मंत्रियों बंगले और गाड़ी की चमक-धमक में खर्च कर दिया। इधर किसान बेहाल हैं। किसानों के लिये यूरिया संकट का युग मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिर से लौटा दिया। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने वचन पत्र में कहा था कि किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करेंगे, लेकिन अब तक कर्जमाफी नहीं हुई।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें दस दिन में किसानों का कर्ज माफ नहीं होने पर मुख्यमंत्री बदलने की बात कही गई थी। भाजपा नेताओं ने कहा कि इस वर्ष 32 जिलों में बाढ़ आई गाय, भैंस, पशुधन बड़ी संख्या में बहकर मर गये। घरों में रखी सोयाबीन, गेंहू, सरसों, लहसुन, चना आदि नष्ट हो गये, लेकिन मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्री प्रभावित क्षेत्रों में समय पर नहीं पहुंचे।
मीडिया से चर्चा के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष पीतांबर टोपनानी, विधायक संदीप जायसवाल, नगर निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला, पूर्व जिला अध्यक्ष रामचंद्र तिवारी, चमनलाल आंनद, जिला महामंत्री हरिशंकर गर्ग, जिला उपाध्यक्ष अर्पित पोद्दार, नगर मंडल अध्यक्ष रामरतन पायल, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष भावना सिंह, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष मृदुल द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।