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कलेक्टर के विशेष निर्देश के बाद भी नहीं हुई खरीदी, 2254 किसानों को भेजा गया था मैसेज, ये समस्या आई सामने

locationकटनीPublished: Apr 09, 2019 12:46:11 pm

Submitted by:

balmeek pandey

कलेक्टर के निर्देश पर भी गंभीर नहीं दिखे अधिकारी, 6 केंद्रों के किसानों को नहीं गया मैसेज

Wheat will be purchased from April 15,

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कटनी. जिले में 25 मार्च से गेहूं, चना, मसूर और सरसों की खरीदी शुरू हो जानी थी, लेकिन लगभग एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी खरीदी शुरू नहीं हो पाई। कलेक्टर डॉ. पंकज जैन ने जिले के कई खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर सोमवार से हर हाल में आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाते हुए खरीदी शुरू करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद भी जिले में खरीदी नहीं हो पाई है। सोमवार को खरीदी के लिए जिले में 2254 किसानों को उपज बेचने के लिए मैसेज किया गया था, लेकिन एक भी केंद्र में खरीदी नहीं हो पाई। जबकि जिले के 56 खरीदी केंद्रों में कई केंद्रों में किसान उपज बेचने के लिए पहुंचे थे। शहरी क्षेत्र के वृहताकार, सिनगौड़ी सहित अन्य केंद्रों में किसान उपज लेकर पहुंचे, लेकिन खरीदी नहीं हो पाई। खरीदी केंद्र प्रभारियों की बेपरवाही, खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम, सहकारिता विभाग सहित विपणन की मनमानी के चलते उपज नहीं खरीदी जा सकी। बताया जा रहा है कि खरीदी के लिए कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारी-कर्मचारियों ने तैयारी तो की थी, लेकिन खरीदी करने में गंभीरता नहीं दिखाई। वृहताकार समिति में किसान उपज लेकर पहुंचे थे, लेकिन खरीदी नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि खरीदी न हो पाने की मुख्य वजह सर्वेयरों के न पहुंचने से भी रही है।

यह है पंजीयन की स्थिति
जिले में रबी सीजन की उपज गेहूं, चना, मसूर और सरसों बेचने के लिए जिलेभर के 49 हजार 179 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसमें से 37 हजार 518 किसान गेंहूं, 8 हजार 735 चना, 1793 मसूर और 1135 किसानों ने सरसों बेचने के लिए पंजीयन कराया है। बता दें कि 2018 में गेहूं के लिए कुल 27 हजार 737 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से 151817 मेट्रिक टन गेंहू की खरीदी हुई थी। इसी प्रकार 4320 चना के लिए किसानों ने पंजीयन कराया था जिसमें से 7997 मेट्रिक टन की खरीदी हुई। इसी प्रकार 680 किसानों ने मसूर के लिए पंजीयन कराया था और 542 मेट्रिक टन की खरीदी हुई थी। सरसो बेचने के लिए 749 किसानों ने पंजीयन कराया था जिसमें से 712 मेट्रिक टन की खरीदी हुई थी। इस वर्ष संख्या बढऩे की मुख्य वजह किसान कर्जमाफी है। समर्थन मूल्य के कारण किसानों ने पंजीयन कराया है।

बारदाने की भी समस्या
जिले में अभी भी पर्याप्त मात्रा में बारदाना नहीं पहुंचे हैं। इस साल गेहूं खरीदी के लिए 56 केंद्र में से 2550 गठान बारदाना की सप्लाई हुई है। याने कि कुल 12 लाख 75 हजार बारदाने ही आए हैं, जबकि 38 लाख बारदानों की जरुरत है। 190 लाख मेट्रिक टन खरीदी के लक्ष्य अनुसार 7600 गठान बारदाना की आवश्यकता है। एक गठान में 500 बारदाना होते हैं।

इनका कहना है
जिले के कुछ केंद्रों में किसान उपज लेकर पहुंचे थे। नमी होने के कारण खरीदी नहीं हो पाई है। मंगलवार से खरीदी जोर पकड़ेगी। अभी बारदाना कम पहुंचे है, शीघ्र ही व्यवस्था होगी।
रविकांत ठाकुर, सहायक आपूर्ति अधिकारी, खाद्य विभाग।

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