बता दें कि इस बार 2 लाख 14 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद होनी है। लेकिन किसानों से खरीद के बाद गेहूं को रखने के लिए प्रशासन के पास पर्याप्त इंतजाम ही नहीं है। जिला खाद्य आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब 1 लाख 8 हजार मीट्रिक टन के लिए स्थान नहीं है। खरीद लक्ष्य मिलने के बाद विभाग उसके भंडारण के इंतजाम में जुट गया है।
बताया जा रहा है कि शासन स्तर से जो धान हर वर्ष खरीदा जाता है, उसकी समय पर मिलिंग नहीं हो पाती है। ऐसे में गोदाम तो पहले से ही भरे रहते हैं। लिहाजा नई खरीद से हासिल उत्पाद के भंडारण के लिए जगह ही नहीं मिलती। बताया तो ये भी जा रहा है कि मिलिंग के बाद बने चावल को भी सुरक्षित रखने को प्रशासन को खासी परेशानी झेलनी होगी।