शिकायत के बाद जांच के लिए पहुंचे अधिकारी
इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों तक हुई इसके बाद जिले के अफसर हरकत में आए और जांच के लिए पहुंचे। इस दौरान एसडीएम बलवीर रमण, तहसीलदार मुनव्वर खान, सहायक आयुक्त सहकारिता डॉ. अरुण मसराम, प्रबंधक स्टेट वेयर हाउस डीके हवलदार, फूड इंस्पेक्टर रविकांत ठाकुर मौके पर पहुंचे। भीगे हुए गेहंू का मौका मुआयना किया, जिसके बाद परिवहन शुरू कराया गया। केंद्र प्रभारी महेंद्र परोहा, मुन्ना लाल यादव ने बताया कि बारिश में 14 हजार 628 क्विंटल गेहूं पूरी तरह से भीग गया है।
इन केंद्रों में अभी भी पड़ा है गेहूं
प्राथमिक कृषि साख समिति बिलहरी, प्राथमिक कृषि साख समिति पडऱभटा, प्राथमिक कृषि साख समिति ढीमरखेड़ा, प्राथमिक कृषि साख समिति ढीमरखेड़ा-2, प्राथमिक कृषि साख समिति देवरी मंगेला, प्राथमिक कृषि साख समिति मुरवारी, प्राथमिक कृषि साख समिति मुरवारी-2, प्राथमिक कृषि साख समिति दशरमन, प्राथमिक कृषि साख समिति कछारगवां, प्राथमिक कृषि साख समिति सिलौंड़ी, प्राथमिक कृषि साख समिति बसाड़ी, प्राथमिक कृषि साख समिति बरही, प्राथमिक कृषि साख समिति बरही, प्राथमिक कृषि साख समिति बरही, प्राथमिक कृषि साख समिति बरही, प्राथमिक कृषि साख समिति पिपरिया, प्राथमिक कृषि साख समिति पिपरिया, प्राथमिक कृषि साख समिति समिति धूरी, प्राथमिक कृषि साख समिति उबरा, प्राथमिक कृषि साख समिति सलैया, प्राथमिक कृषि साख समिति कारीतलाई, प्राथमिक कृषि साख समिति कारीतलाई-2, प्राथमिक कृषि साख समिति सिनगौड़ी, प्राथमिक कृषि साख समिति पथरहटा, प्राथमिक कृषि साख समिति पड़रिया, प्राथमिक कृषि साख समिति पिलौंजी, प्राथमिक कृषि साख समिति कौडिय़ा में परिवहन के लिए गेहूं बचा हुआ है, जो बारिश में भीगा है।
खास-खास:
– जिले में अभी भी 58 हजार 234 क्विंटल गेहूं का परिवहन है बाकी, अन्य केंद्रों में भी भीगा है गेहूं, करोड़ो रुपये को सरकार को लगे गेहूं भीगने से चपत, जबतक भंडारण नहीं हो रहा है, किसानों का भी अटका है भुगतान।
– श्रीजी वेयर हाउस में बनाया गया था केंद्र, पहले से इसमें धान का है भंडारण, जगह नहीं होने के बाद भी बना दिया गया केंद्र, बाजू में श्रीनाथ वेयर हाउस में खाली था स्टेग, फिर भी नहीं कराया गया भंडारण।
– खरीदी केंद्र के आसपास लमतरा, चाका में खाली थे वेयर हाउस, लेकिन ट्रांसपोर्टर को लाभ पहुंचाने अफसरों ने देवगांव में कराया भंडारण, दूरी की वजह से आराम से चल रहा था परिवहन।
– 24 से 29 मई तक एक भी नहीं परिवहन के लिए आया वाहन, इसके बाद एक या दो गाड़ी भेज रहा था ट्रांसपोर्ट, अफसरों के जांच की खबर लगते ही गुरुवार को भेजीं दस गाडिय़ां।
– केंद्र क्रमांक में 268 किसानों से 20 हजार 270 क्विंटल, केंद्र क्रमांक 2 में 345 किसानों से 20 हजार 268 क्विंटल गेहूं की हुई है खरीदी, केंद्र प्रभारी लगातार परिवहन के लिए करते रहे मांग, फिर भी अफसरों ने नहीं दिया ध्यान।
– इतनी बड़ी मात्रा में गेहूं भीगने से कलेक्टर की समीक्षा भी सवालों में, ट्रांसपोर्टरों को सिर्फ नोटिस जारी करने की हुई औपचारिकता, नहीं हुई ठोस कार्रवाई।
– गेहूं का वेयर हाउसों में भंडारण न हो पाने सहित अन्य कारणों से अभी भी जिले के सैकड़ों किसानों का 58 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है। यही बेपरवाही के कारण किसान खासे परेशान हैं।
होगी एफआइआर
गेहूं भंडारण के मामले में बरती गई लापरवाही में जितने भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। इसको लेकर के जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। एसडीएम बलवीर रमण ने कहा कि सर्वप्रथम ट्रांसपोर्टर को दोषी माना गया है, इसमें तिरुपति कार्गो के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। इसके अलावा प्रशासन विपणन विभाग, वेयरहाउस प्रबंधन, खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग व समिति की भूमिका की जांच की जा रही है। सभी दोषियों पर प्रकरण दर्ज कराया जाएगा उसकी तैयारी चल रही है।
पत्रिका ने पहले किया था आगाह
गेहूं भंडारण के मामले में बरती जा रही लापरवाही को पत्रिका ने लगातार उजागर किया। बारिश के कारण भीग रहे गेहूं, ट्रांसपोर्टर तिरुपति कारगो, राहुल सलूजा, जीसी चांदवानी द्वारा की जा रही मनमानी को उजगार किया। पत्रिका ने 11 मई के अंक में ’72 घंटे में है उठाव का प्रावधान, 15 दिन बाद भी केंद्र में पड़ा गेहूं’ व 25 मई को गेहूं परिवहन में मनमानी, भंडारण में सरकार को नुकसान पहुंचाने का खेल’ नामक शीर्षक सहित अधिक तौल, पल्लेदारी की वसूली आदि को उजागर किया, लेकिन अफसरों से सांठगांठ के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इनका कहना है
कैलवारा-चाका केंद्र में लगभग 15 हजार क्विंटल गेहूं बारिश के कारण भीग गया है। इसमें ट्रांसपोर्टर सहित विभागीय अधिकारियों की बेपरवाही सामने आई है। इस मामले में रिपोर्ट बनाई जा रही है। सभी पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
बलवीर रमण, एसडीएम।