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ये कैसा अस्पताल जहां प्रसव हो रहे न मिल रहा इलाज

locationकटनीPublished: Jun 06, 2019 11:22:08 pm

कांटी में बने उप स्वास्थ्य केंद्र का मामला, स्वास्थ्य सुविधाओं के वंचित दर्जनों गांव के लोग

Where the hospital does not have childbirth

Where the hospital does not have childbirth

कटनी। सरकार ने हाल ही में स्वास्थ्य केंद्रों के समय में बदलाव किया है, ताकि दूरदराज से पहुंचने वाले मरीजों के दर्द को ठीक किया जा सके। अभी यह नियम भले ही कई अस्पताल में प्रभावशील न हुआ हो लेकिन गांवों में खुले अस्पताल केंद्र की व्यवस्था भी किसी समस्या से कम नहीं हैं। अधिकांश गांवों में प्राथमिक, उप स्वास्थ्य केंद्र आदि खोल दिए हैं, लेकिन उनमें मिलने वाली सुविधाएं न के बराबर हैं। ऐसे ही कुछ हाल हैं विजयराघवगढ़ क्षेत्र के ग्राम कांटी उप स्वास्थ्य केंद्र का। यहां पर कहने तो अस्पताल है, लेकिन उपचार के नाम पर यह केंद्र किसी शोपीस से कम नहीं। बता दें कि इस केंद्र से आठ गांव तो अधिकारिक रूप से उपचार के लिए जुड़े हैं, लेकिन आसपास के लगभग एक दर्जन गांव के लोग भी प्राथमिक उपचार इस केंद्र से पाते थे, लेकिन अब दूर की बात हो गई है। यहां पर सिर्फ एक एएनएम सुषमा धुर्वे हैं। आठ गांव में महिलाओं को टीका, बच्चों का टीकाकरण सहित जिला मुख्यालय में बैठक आदि के लिए जाना होता है, ऐसे में अस्पताल हफ्ते में बमुश्किल दो से तीन दिन ही पूरे समय खुलता है, शेष दिन ताला लटका रहता है। मरीज यहां पर प्राथमिक उपचार के लिए पहुंचते हैं, लेकिन निराश होकर लौटना पड़ता है। केंद्र की ऐसी स्थिति से सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है। कांटी से कटनी की दूरी २० किलोमीटर और विजयराघवगढ़ १८ किलोमीटर है। प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों को बाहर ले जाने की मजबूरी बन जाती है।

मांग पर नहीं ध्यान
जनपद सदस्य राममिलन रजक, अधिवक्ता प्रशांत शुक्ला, चौधरी समाज सेवा समिति अध्यक्ष हरकेश चौधरी, जयभान रजक, प्रदीप नामदेव, डॉ. मुन्ना श्रीवास आदि ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र कांटी को कई दिनों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाने मांग की जा रही है, इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। ग्रामीणों ने बताया कि एएनएम शुक्रवार और मंगलवार को टीका आदि में चली जाती हैं जिसके चलते और परेशानी हो जाती है। दवाएं भी यहां पर नहीं पहुंचती। कई बार तो टीका के लिए भी लाले पड़ जाते हैं । ग्रामीणों का कहना है स्वास्थ्य केंद्र के सामने लोग गोबर के ढेर लगा रहे हैं, जिससे यहां पर पहुंचने वाले लोगों को गंदगी व दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।

इन गांवों के लोग हैं आश्रित
कांटी उप स्वास्थ्य केंद्र से लगभग डेढ़ दर्जन गांव लगे हुए हैं। किसी भी समस्या पर पहले उनको उप स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार मिल जाता था, लेकिन अब वह दूर की बात हो गई है। क्षेत्र के ग्राम कांटी सहित, कुर्सीटोला, बदेरा, पड़वई, बरछेंका, महगवां, सिजहनी, धौरा, देवसरी, पौंनिया, निगहरा, मुड़ेहरा सहित अन्य कई गांव आसपास हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है।

कांटी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाले मरीजों को तय मापदंड के अनुसार प्राथमिक उपचार आदि मिल सके इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीणों की मांग के संबंध में भी अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। स्टॉफ की समस्या पूरे जिले में है। फिर भी बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ

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