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जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पत्नी की पहुंच के चलते डॉक्टर 6 साल से करता रहा ये काम!, सीएमएचो ने 24 घंटे के अंदर अस्पताल बंद करने दिया अल्टीमेटम

locationकटनीPublished: Sep 03, 2018 11:26:44 am

Submitted by:

balmeek pandey

6 साल से बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहा नर्सिंग होम, जांच अधिकारी का बेतुका बयान, कहा पता नहीं कैसे जांच में छूट गया अस्पताल

Doctor

People in trouble at district hospital katni

कटनी. जिले में संचालित निजी नर्सिंग होम की जांच व मॉनीटरंग में स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। नई बस्ती में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा संचालित नर्सिंग होम 2012 से बगैर पंजीयन के संचालित किया जा रहा था। हैरानी की बात तो यह है कि इन 6 सालों में एक भी बार स्वास्थ्य विभाग के जांच दल ने न तो अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और ना ही पंजीयन आदि की जांच की। आरटीआइ के माध्यम से मामला उजागर होने के बाद सीएमएचओ डॉ. एसके निगम ने आनन-फानन में मामले की जांच कराई। जिला टीकाकरण अधिकारी व निजी नर्सिंग होम जांच प्रभारी डॉ. समीर सिंघई के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि 2012 से नर्सिंग होम का पंजीयन ही नहीं है। जांच रिपोर्ट पेश करने के बाद सीएमएचओ ने डॉक्टर प्रदीप सोनी को नियम विरुद्ध तरीके से क्लीनिक संचालित करते पाए जाने पर 24 घंटे के अंदर नर्सिंग होम बंद करने का अल्टीमेटम दिया है। कार्रवाई की सूचना सीएमएचओ ने कलेक्टर केवीएस चौधरी को भी दी है।

ऐसे उजागर हुआ मामला
जानकारी के अनुसार शहर के नई बस्ती में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा नर्सिंग होम का संचालन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। बिना अनुमति संचालन की शिकायत कलेक्टर से जितेश प्रताप सिंह ने करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने नर्सिंग होम संचालन को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से आरटीआइ में प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएमएचओ कार्यालय में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा नई बस्ती में नर्सिंग होम संचालन का कोई जीवित पंजीयन नहीं है। एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस मामले में डॉ. प्रदीप सोनी का कहना था कि जितेश ठाकुर द्वारा जिला अस्पताल के एसएनसीयू में पदस्थ पत्नी नीलम सोनी से अभ्रदता की गई थी। थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है। इसी मामले में दुर्भवना वश जितेश प्रताप द्वारा शिकायत की जा रही है। आरोप निराधार है।

मिला था संरक्षण!
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर सालभर कार्रवाई की दुहाई दी जाती है, लेकिन शहर के बीचो-बीच 6 साल से बगैर पंजीयन के नर्सिंग होम चलता रहा, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। सूत्रों की मानें तो डॉ. नीलम गुप्ता जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ हैं। विभागीय अधिकारियों से सांठ-गांठ के चलते बगैर पंजीयन के ही नर्सिंग होम संचालित होता रहा है। जबकि नियम के अनुसार यदि कोई डॉक्टर है और वह क्लीनिक चलाता है तो उसे ऑनलाइन आवेदन करना जरुरी हो गया है। सीएमएचओ निरीक्षण के बाद उसे सत्यापित करते हैं। इसके बाद रजिस्ट्रेशन दिया जाता है। उल्लंघन करते पाए जाने पर उसे सील करने का भी प्रावधान है।

इनका कहना है
नई बस्ती में डॉ. प्रदीप सोनी द्वारा बगैर रजिस्ट्रेशन के नर्सिंग होम संचालित किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। मामले की जांच कराई गई। जांच में डॉ. प्रदीप सोनी के पास पंजीयन नहीं मिला। लापरवाही पर 24 घंटे के अंदर नर्सिंग होम बंद करने के लिए नोटिस दिया गया है।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।

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