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स्वालंबी बननी की ललक ने दिलाया मुकाम
चनद्रमुखी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष ललिता बाई कोल एवं सचिव अहिल्या बाई का कहना है कि पहले हम सभी सदस्य मजदूरी पर आश्रित रहते थे। जिससे अपनी दैनिक जीवन की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में भी सक्षम नहीं थे। अजीविका मिशन एनआरएलम के सहयोग से अब हम सब लोग समूह से जुडे, तो धीरे-धरे आर्थिक सहयोग पाकर हम लोग झाडु प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए जाते हैं। समूह की पदाधिकारी का कहना है कि मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन विकासखण्ड स्तरीय एवं जिला टीम के सहयोग से आज उनका यह प्रयास सफल हो रहा है। खास बात यह है कि गांव की अनपढ़ एवं अकुशल महिलाएं आज आत्मनिर्भर हो रही हैं।
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जिला न्यायधीश कर चुके हैं प्रसंशा
फरवरी माह में रीठी क्षेत्र के ग्राम घुघरा घुघरा में वृहद विधिक शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में समूह ने प्रदर्शनी भी लगाई थी। इस दौरान जिला न्यायधीश अनिल मोहनिया सहित अन्य मजिस्ट्रेट व कलेक्टर ने कार्य को सराहा था। खास बात यह है कि इसका असर गांव की अन्य महिलाओं पर भी पड़ा है। अन्य महिलाएं भी स्वालंबी बनने के जज्बे के साथ झाड़ू तैयार करने में जुट गई हैं। महिलाओं का कहना है कि वे स्वच्छता के क्षेत्र में भी समाज में कुछ अलग करना जाहती हैं। आज इन महिलाओं ने स्वयं का व्यवसाय स्थापित किया है। ये जहां स्वयं सबल बन रही हैं, वहीं स्वच्छता का संदेश भी जनमानस को दे रही हैं।