कटनी

हजारों महिलाओं की आंखों के आंसू रोकेगी ये योजना, होने जा रही खास पहल, आपके काम की है खबर

गोवर्धन योजना के तहत बायोगैस सयंत्र की होगी स्थापना, 5 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में होगा योजना का विस्तार, जिले में शुरू हुआ आबादी सत्यापन का कार्य

कटनीSep 07, 2018 / 11:49 am

balmeek pandey

sundar dulhan pane ka upay

कटनी. गोवर्धन योजना से जिले के 25 गांवों की सैकड़ों महिलाएं लाभान्वित होंगी। चूल्हे में लकडिय़ों बीच धुएं में खाना बनाकर परेशान रहने वाली महिलाओं को धुआं से मुक्ति मिलेगी। योजना के तहत जिले कि उन 25 ग्राम पंचायत का चयन किया है, जहां कि आबादी 5 हजार से अधिक है। इनके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। अब यहां गोवर्धन योजना के अंतर्गत जल्द बायोगैस संयंत्र स्थापित होगा। इससे गांव में महिलाएं अब के चूल्हे की जगह गैस चूल्हे पर खाना पका सकेंगी। यही नहीं इससे स्थानीय काश्तकारों को गांव में ही उच्च गुणवत्ता वाली खाद भी मिल सकेगी। इसके लिए ग्राम पंचायतों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से गोवर्धन योजना के तहत गांवों में बायोगैस बनाए जाने की योजना बनी है। योजना के तहत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के तहत ग्राम पंचायतों शामिल किया जाना है। जिले की ऐसी ग्राम पंचायत का चयन किया जा रहा है जिसमें बायोगैस बनाने की क्षमता हो। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। जिला पंचायत सीइओ फ्रेंक नोबल ए ने 5 हजार से अधिक आबादी और गोबर की उपलब्धता वाली ग्राम पंचायत का चयन करने के निर्देश जारी किए हैं। जिला समन्वयक जिले में गोवर्धन योजना अंतर्गत बायोगैस, बायो मिथेनेशन निर्माण के लिए क्रियान्वयन संस्थाओं का चयन किया जाना है। गोवरधन परियोजना अंतर्गत 3 एजेंसियां होंगी। ग्राम पंचायत, स्व सहायता समूह फेडरेशन, बल्क जनरेटर, उद्यमी गौशाला डेयरी आदि शामिल हैं। प्रावधानों के अनुरूप परियोजना राशि का क्रमश: 10 प्रतिशत 10 लाख तक, 75 प्रतिशत 7.5 लाख, एवं 50 प्रतिशत 4 लाख तक अनुदान दिया जाएगा। तकनीकी सहयोग के लिए सक्षम एजेंसियां अपनाईं जाएंगी।

150 परिवार को मिलेगी प्राथमिकता
गोवर्धन योजना के तहत जिले की जिस ग्राम पंचायत में पशुधन की संख्या 30 से 40 फीसदी होगी, उसी को इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के तहत ग्रामीणों के समूह में पहली प्राथमिकता महिला स्वयं सहायता समूह की होगी। जिस पंचायत का चयन होगा, उस गांव में कम से कम 150 परिवार होंगे। इससे उस पंचायत को पशुधन अधिक होने का लाभ मिलेगा।

गोवर्धन योजना के लाभ
चयनित गांव में बायोगैस तैयार होगी। इसके लिए गांव में एक निर्धारित स्थान पर संयंत्र बनेगा। इस संयंत्र में गांव के सभी पशु पालक गोबर डालेंगे। इससे बनने वाली गैस से इन्ही ग्रामीणों को कनेक्शन जोड़ दिए जाएंगे जिससे वे घरों में गैस का चूल्हा जला सकेंगे। इससे ग्रामीणों को तीन मुख्य लाभ होंगे। इससे आसपास के जंगल सुरक्षित होंगे, गैस उपलब्ध हो जाएगी, गुणवत्ता युक्त खाद आसानी से मिल जाएगी।

5 हजार से अधिक आबादी वाली ये हैं पंचायतें
जिले में 5 हजार से अधिक आबादी वाली 25 ग्राम पंचायतें हैं। इसमें बड़वारा ब्लॉक की बड़वारा कलां, बरनमहगवं, भजिया, खितौली, कुठिया मोहगवां, पिपरिया कला है। बहोरीबंद में बहोरीबंद, कौडिय़ा, स्लीमनाबाद, तेवरी, ढीमरखेड़ा ब्लॉक में उमरियापान, झिन्नापिपरिया, कछारगांव बड़ा, खम्हरिया, पडऱभटा, सिलौंड़ी, कटनी ब्लॉक में कन्हवारा, पहाड़ी, पौसरा, रीठी ब्लॉक की बड़ागांव, बिलहरी, रीठी, विजयराघवगढ़ की भैसवाही, सिंगौड़ी व कारीतलाई पंचायत शामिल हैं। इन पंचायतों में वर्तमान में कितनी जनसंख्या है इसका सत्यापन कराया जा रहा है।

इनका कहना है
गोवर्धन योजना के तहत 25 गांवों में बायोगैस बनाए जाने की योजना बनी है। योजना के तहत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के तहत ग्राम पंचायतों शामिल किया गया है। आबादी सत्यापन का कार्य शुरू हो गया है।
राजेश तिवारी, जिला समन्वयक, स्वच्छता।

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