हर दिन हाइवे में भयावह मंजर सामने आ रहे हैं, लेकिन कटनी के जबलपुर-मैहर मार्ग नेशनल हाइव में अलग ही नजारा सामने आया। एक मजदूर को कंपनी से वेतन नहीं मिला तो वह परेशान होकर घोड़े को लेकर ही 360 किलोमीटर दूर घर के लिए निकल पड़ा। इन दिनों हाइवे के दृश्य अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं।
कटनी•May 19, 2020 / 09:10 pm•
balmeek pandey
young man reached home by horse in lockdown
कटनी. कोरोना वायरस महामारी के चलते चल रहे लॉकडाउन से लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई हैं। पेट पालने के लिए दूसरे जिलों और प्रदेशों में रहने वाले मजदूरों वेतन न मिलने से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। पिछले एक माह से वह किसी तरह पैदल, वाहन या फिर अन्य माध्यमों से अपने घरों को कूच कर चुके हैं। हर दिन हाइवे में भयावह मंजर सामने आ रहे हैं, लेकिन कटनी के जबलपुर-मैहर मार्ग नेशनल हाइव में अलग ही नजारा सामने आया। एक मजदूर को कंपनी से वेतन नहीं मिला तो वह परेशान होकर घोड़े को लेकर ही 360 किलोमीटर दूर घर के लिए निकल पड़ा। इन दिनों हाइवे के दृश्य अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं।
गाडऱवारा में सीमेंट के रोलर आदि बनाने वाली निजी कंपनी में काम करने वाले रामपुर बघेलान का रहने वाला युवक राकेश कुमार ने बताया कि 4 महीना से वेतन नही मिला। लॉक डाउन में जमा पूंजी खत्म हुई तो घर जाने को सोचा। पैसा की कमी के चलते चह वाहन नहीं कर पाया। वह अपने घोड़े के साथ ही घर को ओर कूच कर दिया। कभी पैदल तो कभी बादल घोड़े की सवारी कर गांव के लिए रवाना हुआ है। मंगलवार को वह 8 दिन में कटनी तक पहुंचा है। सरकार कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने की बात कर रही है वहीं कंपनियां अपने कर्मचारियों को वेतन न देकर उन्हें वापस होने को मजबूर कर रहीं हैं, लेकिन इस समस्या पर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे।