इसे भी पढ़ें उपचुनाव में भाजपा पर मधुपती ने लगाए गंभीर आरोप, कहा वोट लूटने की साजिश रच रहे हैं बीजेपी सांसद और विधायक, इन्हें नजरबंद किया जाय इस मामले में सांसद विनोद सोनकर और विधायकों ने देर रात प्रेस कांफ्रेंस कर पंचायत चुनाव अधिनियम का हवाला देते हुए बताया कि चुनाव में रुपयों के लेन-देन का खुलासा होने के बाद निर्वाचन प्रक्रिया रद्द करने का प्रावधान है। प्रेस कांफ्रेंस के बाद जिले का सियासी पारा गर्म हो गया है। बता दें कि शनिवार की दोपहर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रत्याशी मधुपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कौशांबी से भाजपा सांसद विनोद सोनकर व सिराथू, मंझनपुर और चायल के भाजपा विधायक पर आरोप लगाते हुए आरोप लगाया था कि यह सभी लोग सत्ता के बल पर सदस्यों को डरा-धमका कर चुनाव में खलल डाल रहे हैं। मधुपति का कहना था कि भाजपा सांसद व विधायक उनके समर्थकों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा रहे हैं, जिसके चलते निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती।
मधुपति के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही भाजपा सांसद विनोद सोनकर, सिराथू से विधायक शीतला प्रसाद पटेल, मंझनपुर विधायक लाल बहादुर व चायल विधायक संजय गुप्ता देर रात जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से उनके आवास पर मिले। उन लोगों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को कुछ वीडियो सौंपे हैं, जिनमें कुछ लोग सदस्यों को रुपए बांटने चुनाव में करोड़ों रुपए खर्च करने के संबंध में बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी सांसद व विधायकों ने वायरल वीडियो मीडिया को दिखाए। एक वीडियो में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश कुशवाहा, जिला पंचायत सदस्य व कुछ अन्य लोगों को रुपए बांट रहे हैं।
इसे भी पढ़ें कौशाम्बी उपचुनाव, भाजपा खेमे के खिलाफ मधुपति ने किया नामांकन, बीजेपी के लिये नाक का सवाल एक दूसरे वीडियो में जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राजेश कुशवाहा धनबल से सदस्यों को खरीदने की बात कहते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक वीडियो में सिराथू से पूर्व विधायक वाचस्पति भी सदस्यों की खरीद-फरोख्त के बाबत चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन्ही वीडियो के आधार पर कुछ दिन पहले अध्यक्ष पद की प्रत्याशी मधुपति के पति सिराथू से पूर्व विधायक वाचस्पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया चुका है। वीडियो वायरल करने के बाद भाजपा सांसद व विधायकों ने पंचायत चुनाव अधिनियम का हवाला देते हुए बताया कि ऐसे में निर्वाचन प्रक्रिया रद्द करने का प्रावधान है। सांसद व विधायकों ने जिला निर्वाचन अधिकारी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव प्रक्रिया को रोकने की मांग किया है। जिला पंचायत अध्यक्ष में भाजपा के माननीयों के कूदने से यहां का सियासी माहौल और गरमा गया है।
By Shivnandan Sahu