इसके बाद अस्पताल से हेमा को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। आरोप है कि प्रसूता हेमा को प्रयागराज न भेज जिला अस्पताल की नर्स शोभा ने कमीशन के चक्कर मे मंझनपुर के तेजमती अस्पताल भेजवाया दिया। परिजनों की बिना मर्जी व उनके गैर मौजूदगी में आशा बहु प्रेमता प्रसूता को तेजमती अस्पताल में लेजाकर भर्ती कराया दिया। तेजमती अस्पताल पहुंचे हेमा के पति से इलाज के नाम पर दस हजार रुपये जमा करा लिए गए।
ननकू का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने उसे और रुपये जमा करने को कहा लेकिन वह रुपये नही जमा कर सका। जिससे उसकी पत्नी का इलाज नही किया गया और उसकी मौत हो गई। हैरत की बात तो यह की प्रसूता की मौत के बाद भी निजी अस्पताल के लोगों का दिल नही पसीजा। इलाज के नाम पर बनाये गए पंद्रह हजार रुपये का बिल भुगतान कराए बिना शव परिजनों को नही सौपा गया। गरीब ननकू ने जैसे तैसे रुपयों का इंतजाम किया तब जाकर उसके पत्नी का शव उसे मिल सका। ननकू ने मामले की शिकायत सीएमओ बीएन चतुर्वेदी से किया है। सीएमओ ने पूरे मामले की जांच कराए जाने की बात कही है।