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रुपये के लिए डाक्टरों ने प्रसूता का नहीं किया इलाज, अस्पताल में हुई मौत

locationकौशाम्बीPublished: Jul 14, 2019 05:03:51 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

ननकू का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने उसे और रुपये जमा करने को कहा लेकिन वह रुपये नही जमा कर सका। जिससे उसकी पत्नी का इलाज नही किया गया

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रुपये के लिए डाक्टरों ने प्रसूता का नहीं किया इलाज, अस्पताल में हुई मौत

कौशांबी. धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों का एक संवेदनहीन रूप मंझनपुर में फिर से देखने को मिला। जहां एक निजी अस्पताल में भर्ती प्रसूता का रुपयों के आभाव में इलाज नहीं किया गया। इलाज के आभाव में प्रसूता मौत के आगोश में चली गई। मामला कौशांबी जनपद के मुख्यालय मंझनपुर स्थित तेज मती अस्पताल का है। सिराथू विकास खंड के हाजीपुर पतौना गांव निवासी ननकू की पत्नी हेमा को रविवार को प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल में हेमा ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।बच्चे के जन्म के बाद जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स शोभा ने आशा कार्यकत्री प्रेमता को बताया कि प्रसूता को रक्तस्राव अधिक हो रहा है।
इसके बाद अस्पताल से हेमा को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। आरोप है कि प्रसूता हेमा को प्रयागराज न भेज जिला अस्पताल की नर्स शोभा ने कमीशन के चक्कर मे मंझनपुर के तेजमती अस्पताल भेजवाया दिया। परिजनों की बिना मर्जी व उनके गैर मौजूदगी में आशा बहु प्रेमता प्रसूता को तेजमती अस्पताल में लेजाकर भर्ती कराया दिया। तेजमती अस्पताल पहुंचे हेमा के पति से इलाज के नाम पर दस हजार रुपये जमा करा लिए गए।
ननकू का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने उसे और रुपये जमा करने को कहा लेकिन वह रुपये नही जमा कर सका। जिससे उसकी पत्नी का इलाज नही किया गया और उसकी मौत हो गई। हैरत की बात तो यह की प्रसूता की मौत के बाद भी निजी अस्पताल के लोगों का दिल नही पसीजा। इलाज के नाम पर बनाये गए पंद्रह हजार रुपये का बिल भुगतान कराए बिना शव परिजनों को नही सौपा गया। गरीब ननकू ने जैसे तैसे रुपयों का इंतजाम किया तब जाकर उसके पत्नी का शव उसे मिल सका। ननकू ने मामले की शिकायत सीएमओ बीएन चतुर्वेदी से किया है। सीएमओ ने पूरे मामले की जांच कराए जाने की बात कही है।

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