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राम मंदिर कब बनेगा किस दिन बनेगा यह तय करने का काम ‘राम मंदिर न्यास समिति’ का है- डिप्टी सीएम

locationकौशाम्बीPublished: Sep 19, 2018 10:35:05 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार मंदिर न्यास समिति का साथ देगी

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राम मंदिर कब बनेगा किस दिन बनेगा यह तय करने का काम ‘राम मंदिर न्यास समिति’ का है- डिप्टी सीएम

कौशांबी. प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बुधवार कौशाम्बी दौरे पर रहे। दोपहर बाद अपने बीमार पिता से मिलने पैतृक नगर सिराथू पहुंचे डिप्टी सीएम ने राम मंदिर निर्माण पर कहा कि अयोध्या मे भव्य राम मंदिर बनेगा, इसे कोई रोक नहीं सकता है| किस दिन से बनेगा कब बनेगा यह तय करने का काम श्री राम मंदिर न्यास समिति का है| सरकार मंदिर निर्माण के पक्ष मे हर बढ़ने वाले कदम का साथ देगी|
डिप्टी सीएम का बयान उस समय में आया है जब देश औऱ प्रदेश दोनों जगहों पर भाजपा की सरकार होने के बाद भी मंदिर मुद्दे पर भाजपा की सरकार और नेता दोनों मौन हैं। लगातार एससी -एसटी और तीन तलाक के मुद्दे पर अध्यादेश लाने वाली भाजपा के लिए ये भी हैरानी की बात है कि जनता लगाताल सवाल कर रही है कि आखिर राम मंदिर मुद्दे पर ही सरकार अध्यादेश क्यूं नहीं ला सकती। हालांकि मंदिर बनाने में सहयोग करने की बात करने वाले भाजपा के डिप्टी सीएम को शायद ये याद न रहा होगा कि कई बार उन्होने ही यूपी में बीजेपी कि सरकार आने के बाद भव्य राम मंदिर निर्माण करने का सपना जनता को दिखाया था।
वहीं डिप्टी सीएम ने विपक्षी सपा बसपा कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इनके नेता आये दिन बयान बाजी करते हैं कि 2019 में मोदी सरकार नही बनने देंगे। मोदी सरकार ने देश मे कोई काम नही किया है। मेरा इन विरोधी पार्टियों के नेताओं से सवाल है कि जब मोदी सरकार ने कुछ विकास नही किया तो फिर क्यों महागठबंधन का संदेश देते हुए एक होने की कोशिश कर रहे है।
मोदी सरकार के उपलब्धियां ही विरोधियों के लिये यह प्रमाण है कि मोदी सरकार ने देश के किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों के हितो के अलावा भ्रष्टाचार खत्म कर अपराधियों पर शिकंजा कसने का काम किया है| तीन तलाक कानून पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्यसभा में खुला विरोध कर रही थी लेकिन मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर कैबिनेट में तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं के लिए कानून पास करने का काम किया है। इसके अलावा जिले के आला अफसरों को सख्त हिदायत देते हुए उन्होंने कहा है कि हमारे गृह जनपद के पीड़ितों की जिले में सुनवाई नही होती तो वह लखनऊ पहुँचते है। मैं साफ शब्दों में कहता हूँ कि यदि अफसर काम करने आये है तो पूरी शिद्दत से ज्यादा से ज्यादा मामलों का निस्तारण जिला स्तर पर करे, नही तो ऐसे अफसर भी बख्से नही जाएंगे।

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