यहां की दलित बस्ती के ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पचास घरों वाली इस बस्ती मे लगभग दो सौ लोग रहते हैं। महज एक ही हैंडपंप से इन ग्रामीणों को पानी भरने की मजबूरी हैं। घंटों लाइन मे लगने के बाद जाकर बस्ती के लोगों को जरूरत का पानी मिलता है। जिले के दूसरे ग्रामीण इलाकों के कुछ गांवों में तो ऐसे हालात हैं कि लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। पेयजल की यह किल्लत लोगो के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो रही है।
पेयजल संकट पर जिले के मुख्य विकास अधिकारी हीरालाल से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि जल स्तर बेहद गिर जाने से चलते ऐसे हालात बने हैं। फिर भी लोगों के सामने अभी पेयजल का संकट नही गहराया है। भगवान चाहेंगे तो जलस्तर बढ़ते ही लोगों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी। एक जिम्मेदार अधिकारी से मिले इस जवाब की अपेक्षा तो नही थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कब तक लोगों को पेयजल के इस घोर संकट से निजात मिल सकेगी।
By Shivnandan Sahu