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कौशाम्बी में खौफ के साये में सांस लेते है प्रेमी युगल!

locationकौशाम्बीPublished: Nov 18, 2019 06:51:53 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

कभी गोली मारकर तो कभी फाँसी पर लटक कर जान दे देते है प्रेमी युगल

love cases

कभी गोली मारकर तो कभी फाँसी पर लटक कर जान दे देते है प्रेमी युगल

कौशांबी. राजा उदयन व वासवदत्ता की प्रेम कहानी का गवाह रहे कौशांबी जनपद में प्रेमी युगल की जान हमेशा खतरे में बनी रहती है। महज एक हफ्ते में दो प्रेम कहानी का खौफनाक अंत हुआ है। एक मामले में प्रेमी ने प्रेमिका को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया तो दूसरे मामले में प्रेमी प्रेमिका ने परिजनों के फटकार से खौफजदा होकर मौत को गले लगा लिया। प्रेम प्रसंग का खौफनाक अंत होने के बाद परिजन सिर्फ हाथ मलते रह जाते हैं।
उनके पास पछताने के सिवा कुछ नहीं बचता। बचपन से जिन बच्चों को प्यार की भाषा सिखाई जाती है वहीं बड़े होकर जब किसी दूसरे के साथ प्यार की पींगे बढ़ाते हैं तो परिजन ही उनके दुश्मन बन जाते हैं। इस तरह की घटनाएं कौशांबी जिले में अक्सर चर्चा का विषय बनती है। ताजा मामलों पर गौर करें तो पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के बख्शी का पूरा गांव में सात नवंबर की रात एक प्रेम कहानी का खौफनाक अंत हुआ है। दरअसल बख्शी का पूरा गांव की रहने वाली शीला पुत्री गप्पू का गांव के ही रहने वाले गंगा प्रसाद के साथ प्रेम संबंध था। शीला के परिजनों को उनके प्रेम संबंधों की भनक लगी तो उसे जमकर फटकारा।
इसके बाद गंगा प्रसाद शीला से दूरियां बनाने लगा। जबकि शीला को यह मंजूर नहीं था। वह अपने प्रेमी को जिंदगी भर के लिए पाना चाहती थी। सात नवंबर की रात शीला की मा सरोज देवी अपने बड़ी बेटी सुनीता के घर गई हुई थी। मौका देख शीला ने प्रेमी गंगा प्रसाद को घर बुला लिया। जहां पर दोनों के बीच साथ निभाने की बात पर विवाद हुआ। विवाद के चलते गंगाप्रसाद ने शीला की गोली मार कर हत्या कर दिया। गोली की आवाज सुनकर शीला के पास सोया उसका बारह वर्षीय भाई राजेंद्र जग गया। गंगा प्रसाद उसे भी गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया और फरार हो गया। घटना का खुलासा हुआ तब लोगों को इस प्रेम प्रसंग के दुखद अंजाम की जानकारी हुई।
चरवा कोतवाली के उदाथू गांव में रहने वाली गोरकी व पास में रहने वाले ननकू के बीच प्रेम संबंध था। परिजन इन दोनों के प्रेम संबंधों को भलीभांति जानते थे। कई बार परिजनों ने दोनों को फटकार भी लगाई। बावजूद इसके दोनों का प्रेम संबंध बरकरार रहा। बारह नवंबर की रात गोरकी के परिजन धान की मड़ाई करने के लिए खलिहान चले गए। मौका देखकर गोरकी ने प्रेमी ननकू को घर बुला लिया। ननकू को घर के अंदर घुसता गोरकी के च्चवरे भाई ने बाहर से दरवाज़े की कुंडी बंद कर दिया।
इसके बाद उसने शोर मचाकर गोरकी के सगे भाई नरेंद्र, भोंदल व नीरज को मौके पर बुला लिया। चारों ने मिलकर प्रेमी युगल को कमरे में बंद कर दिया और उन्हें सबक सिखाने के लिए ललकारने लगे। परिजनों की ललकार से खौफ़जदा प्रेमी युगल ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया। कमरे के अंदर प्रेमी युगल दुपट्टे के सहारे फांसी के फंदे पर झूल गए। परिजन जब तक दोनों को फांसी के फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाते हैं तब तक दोनों की मौत हो गई। इस घटना में नया मोड़ तब आया जब ननकू के पिता गोरेलाल ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि गोरकी के भाइयों के उकसाने पर प्रेमी युगल ने आत्महत्या कियाहै। फिलहाल घटना के बाद दोनों के परिजन सिर्फ पछताने के अलावा और कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। इस तरह की घटनाएं समाज को झकझोर देती है बावजूद इसके ऐसी घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती रहती है।

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