गौरतलब हो कि 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ शीतला धाम मे प्रतिवर्ष चैत्र मास की सप्तमी व अष्टमी को गदहा मेला लगता है जिसे गर्दभ मेला भी कहा जाता है। कई दशक से लगने वाले इस अनोखे मेले में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों से गधा, घोड़ा व खच्चर की खरीद-फरोख्त के लिए सैकड़ों की संख्या में व्यापारी पहुंचते हैं। इस पशु मेले में सैकड़ों की संख्या में पशु भी लाए जाते हैं।
इस बार भी यह मेला अपने पूरे शबाब पर था। इसी बीच बीते साेमवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम वहां जा पहुंची। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पशु मेला को बंद करा दिया। अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 के संकट काल में बिना अनुमति के गर्दभ मेला लगाया गया था। इसके अलावा मेले में कोविड-19 नियमों का कोई तरीके से पालन नहीं कराया जा रहा था। कोरोना के दूसरे लहर में इस तरह का आयोजन पूरी तरह से गलत है।
अचानक से मेला बंद कराए जाने के बाद देश के कोने-कोने से पहुंचे पशु व्यापारियों में निराशा रही। पशु व्यापारियों का कहना था कि उन्हें शक्तिपीठ शीतला धाम में लगने वाले गर्दभ मेले में अच्छी खरीद फरोख्त का मौका मिलता है। प्रशासन द्वारा पशु मेला को बंद कराए जाने से उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ेगा। अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर के मुताबिक बिना अनुमति के गर्दभ मेला का आयोजन कराने वाले आयोजकों के खिलाफ लिखा पढ़ी कर कार्रवाई की जा रही है।
By Shivnandan Saghu