मालगाड़ी चालक ने लगाया एमरजेंसी ब्रेक रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी हाईस्पीड से दौड़ रही थी। इधर क्रासिंग पर भगदड़ मची थी। गेटमैन गेट बंद करना चाह रहा था पर बंद करने का वक्त उसके पास बचा न था। रेल चालक ने गेट को खुला और क्रासिंग पर लोगों की भीड़ देख बड़े हादसे की आहट को भांप लिया। उसने एमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। जिससे ट्रेन क्रासिंग के पास आकर ही रूक गई। अगर ट्रेन का चालक एमरजेंसी ब्रेक न लगाता तो निश्चित तौर पर कई जानें जा सकती थी।
आखिर इतने लापरवाह क्यूं है कर्मचारी लगातार देश भर में हो रहे रेल हादसे के बाद रेलवे के कई बड़े ओहदेदार अधिकारियों को न सिर्फ निलंबित किया गया बल्कि इन्ही रेल हादसों की वजह से रेल मंत्री सुरेश प्रभू को अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी। लेकिन कसौली हो या कानपुर या बनारस में हरदत्तपुर, इन सब बड़े हादसे के बाद भी रेलवे के कर्मचारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। गेटमैन सुभाष न गेट खोलने के लिए मेन गेट से कोड मांगा और उधर से भी पूरी लापरवाही दिखाते हुए कोड दे दिया गया। ये लापरवाही फिर बड़े हादसे को अंजाम देने के लिए तैयार थी।
कहीं पुलिस की वर्दी में बड़े हादसे को अंजाम देने की रणनीति तो नहीं थी परेशान करने वाली बात तो ये है कि गेटमैन सुभाष ने जिस खाकीवर्दीधारी के कहने पर गेट खोला था। वह उसे न तो जानता था और न ही उस पुलिस वाले ने अपना परिचय बताया था। जबकि ट्रेन आने में महज एक या दो ही मिनट रह गये थे। लोग इस बात को लेकर भी शंका जाहिर कर रहे हैं कि हो न हो ये किसी बड़े हादसे को अंजाम देने की रणनीति भी हो सकती है।
अधिकारी ने कहा जांच के बाद होगी कार्रवाई हालांकि घटना के बाद मामले की जांच करने पहुंचे रेलवे के अधिकारी वाईपी सिंह मीडिया के किसी भी सवाल के जवाब से बचते नजर आये। उन्होने बस इतना कहा कि ये बड़ी चूक है। मामले की जांच की जा रही है जो भी दोषी पाया जायेगा उसे बख्शा नहीं जायेगा। फिलहाल ये लापरवाही ये जरूर साबित कर रही है कि रेलवे में कितने भी बदलाव कर दिया जायें पर लापरवाहों के खिलाफ जब तक सख्ती नहीं की जायेगा ये हादसे नहीं रुक सकते।